यमुना प्राधिकरण की 73 वीं बोर्ड बैठक संपन्न, 4528 करोड़ का बजट पास, विकास में खर्च होंगे 1106 करोड़
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ई-आक्शन से होगा औद्योगिक आइटी व संस्थागत भूखंड का आवंटन
ग्रेनो व नोएडा प्राधिकरण की तर्ज पर अब यमुना प्राधिकरण भी ई आक्शन के जरिये ही औद्योगिक, आइटी व संस्थागत भूखंडों का आवंटन करेगा। इससे पहले ड्रा के माध्यम से आवंटन होता था। प्राधिकरण द्वारा लाई गई औद्योगिक योजना व संस्थागत की ओपन एंडेड योजना को समाप्त कर आवेदनों को निरस्त किया जा रहा है।
मेडिकल डिवाइस पार्क का आवंटन 100 दिनों के भीतर करना है। इसके लिए रेक़ुएस्ट फॉर प्रपोजल जारी कर दिया गया है। उसे बनाने के लिए एजेंसी का चयन कर लिया गया है।
राया वृन्दावन बांके बिहारी मंदिर को जोड़ा जाएगा। 7 किलो मीटर रोड बन रहा है।
टप्पल और बाजना में वेयरहाउस बनना था उस एरिया को डिनोटिफाइड किया गया है ।
फ़िल्म सिटी के लिए 30 अप्रैल तक बिड डाली जा सकेगी। 2 मई को फ़िल्म सिटी की बिड खोली जाएगी।
एसडीएस के बिल्डर को समय दिया गया है।
ईस्टर्न पेरीफेरल हाईवे से यमुना एक्सप्रेस को जोड़ने के लिए चार इंटरचेंज बनेगे।
इन पर खर्च होगा 16 करोड़ खर्च होगा ।
5 नए क्लस्टर लेदर पार्क , प्लास्टिक पार्क, ट्रांसपोर्ट इलेक्ट्रॉनिक विकल पार्क बनाएं जाएंगे।
प्राधिकरण ने जमीन अधिग्रहण, निर्माण योजनाएं, ग्रामीण विकास और इंफ्रास्ट्रक्चर पर जोर दिया है। जमीन का मुआवजा बढ़ाने, आवंटियों को राहत देते हुए निर्माण व लीज डीड में छूट सहित कई अहम मुद्दों पर मुहर लगी। बोर्ड बैठक के बारे में जानकारी देते हुए प्राधिकरण के सीईओ डॉ.अरुणवीर सिंह ने बताया कि बोर्ड बैठक में वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए 4,528 करोड़ रुपए का बजट प्रस्तुत किया गया, जिसे बोर्ड ने पास कर दिया। इस साल निर्माण योजनाओं पर 1,160 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। प्राधिकरण ने नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट जेवर के दूसरे चरण के लिए 405 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। वहीं मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी मेट्रो, पॉड टैक्सी, सड़क निर्माण में 300 करोड़ रुपए खर्च होंगे। सीईओ ने बताया कि इस साल 1,200 एकड़ जमीन खरीदने का लक्ष्य रखा गया है। जमीन अधिग्रहण के लिए 1,535 करोड़ रुपए खर्च होंगे। पिछले वित्तीय वर्ष में प्राधिकरण ने 455 एकड़ जमीन खरीदने में 583 करोड़ रुपए खर्च किए थे। सीईओ ने बताया कि औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए इस साल लॉजिस्टक हब, मेडिकल डिवाइस पार्क औरकई अन्य औद्योगिक योजनाएं लांच की जाएंगी। इसके लिए अधिक जमीन की आवश्यकता होगी।
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ग्रेटर नोएडा यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने अपने सभी तरह के आवंटियों व किसानों को राहत दी है। आवासीय, औद्योगिक एवं संस्थागत सहित सभी तरह के आवंटियों को अपने भूखंडों की रजिस्ट्री ( डीज डीड) करवाने एवं निर्माण करने के लिए छह महीने का अतिरिक्त समय दिया है। आगामी 30 सितंबर 2022 तक का समय बढ़ा दिया गया है। इस अतिरिक्त समय के बदले कोई जुर्माना नहीं लगेगा। इससे 42 हजार आवंटियों को राहत मिलेगी। प्राधिकरण के सीईओ अरुनवीर सिंह ने बताया कि कोरोना महामारी के चलते दो वर्ष लोगों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा है। इस वजह से आवंटी अपने भूखंडों की रजिस्ट्री नहीं करवा पाए हैं। आवंटित भूखंडों पर निर्माण भी नहीं करा सके। आवंटियों ने प्राधिकरण ने राहत देने का अनुरोध किया था।
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यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण की 73वीं बोर्ड बैठक में एक और महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है। अब जमीन अधिग्रहण से प्रभावित किसान की वयस्क पुत्री को भी आबादी का लाभ मिलेगा। वयस्क पुत्री को अलग परिवार माना जाएगा। बोर्ड द्वारा पास किया गया यह प्रस्ताव शासन को भेजा जाएगा। बता दें कि अभी तक वयस्क पुत्र को भी आबादी का लाभ मिलता है।
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ऑक्शन के जरिए किया जाएगा औद्योगिक, आईटी और संस्थागत परिसंपत्तियों का आवंटन
ग्रेटर नोएडा । यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने भूखंड आवंटन नीति में बदलाव किया है। अब औद्योगिक, आईटी और संस्थागत परिसंपत्तियों का आवंटन ऑक्शन के जरिए किया जाएगा। प्राधिकरण की बोर्ड बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है। प्राधिकरण के सीईओ डॉ.अरुणवीर सिंह ने बताया कि पहले आईटी और संस्थागत भूखंडों का आवंटन ऑब्जेक्टिव क्राइटेरिया के जरिए किया जाता था। अब तक 4 हजार वर्ग मीटर से कम आकार वाले भूखंड ड्रा के माध्यम से आवंटित किए जाते थे,जबकि 4 हजार वर्गमीटर से ज्यादा क्षेत्रफल वाले भूखंडों का आवंटन साक्षात्कार के आधार पर किया जाता था। सीईओ ने बताया कि नई आवंटन नीति के तहत अब संस्थागत, औद्योगिक और आईटी समेत सभी श्रेणी के आवंटन ऑक्शन के माध्यम से किए जाएंगे। इससे प्राधिकरण की आय में वृद्धि होगी। उच्चतम बोली लगाने वाले आवेदक को भूखंड आवंटित किया जाएगा।