बिमटेक में 2020 -22 बैच का 34 वां दीक्षांत समारोह का आयोजन
बिमटेक, बिड़ला इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट टेक्नोलॉजी, ग्रेटर नोएडा (एनसीआर) ने 2020-22 बैच के लिए 34वां दीक्षांत समारोह 2022 सफलतापूर्वक मनाया। दीक्षांत समारोह एक ऐसा क्षण है जब अतीत की यादों को लेकर मंगलमय भविष्य की और अग्रसर होते हैं। इस दिन की शोभा केरल के माननीय राज्यपाल श्री आरिफ मोहम्मद खान ने बढ़ाई । मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. अजीत रानाडे – कुलपति, गोखले राजनीति और अर्थशास्त्र संस्थान; एवं डॉ. एच. चतुर्वेदी, निदेशक, बिमटेक; डॉ अनुपम वर्मा, उप निदेशक; डॉ के सी अरोड़ा, रजिस्ट्रार; विश्वविद्यालय के विभाग के सदस्यों ने शोभा बढ़ाई ।
कार्यक्रम का आरम्भ राष्ट्रगान गाकर एवं दीप प्रज्वलित कर किया गया, जिसके बाद मंच पर फूलों का गुलदस्ता देकर संस्था के निदेशक डॉ चतुर्वेदी ने मुख्य अतिथि डॉ आरिफ मोहम्मद खान, राज्यपाल, केरला का स्वागत किया।
आरिफ मोहम्मद खान ने अपने सम्भोदन में कहा, “मैं यहां आकर और इस दीक्षांत समारोह में शिरकत कर बहुत कृतज्ञ हूँ। मैं सभी छात्रों को बहुत बहुत शुभकामनाएं देता हूँ। जिन छात्रों को आज स्वर्ण पदक एवं अवार्ड मिला, यह आपका दिन है, सभी नए स्नातकों को बधाई, कॉलेज लाइफ के आज आखिरी दिन और इस उत्सव के लिए।”
आगे उन्होंने कहा कि यह समय बिरला परिवार को याद करने और उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का समय है। साथ ही उन्होंने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को याद करते हुए कहा कि उन्होंने इस देश में नैतिक मूल्यों की नींव रखी है। उन्होंने नैतिक मूल्यों एवं नैतिक शिक्षा पर जोर देते हुए कई महापुरषों एवं महान व्यक्तित्वों द्वारा लिखित कोट्स का जिक्र किया।
आरिफ मोहम्मद खान ने अपने सम्भोदन में शैक्षिक अध्ययन के साथ साथ आध्यात्मिक और नैतिक शिक्षा पर भी बल दिया, उन्होंने उपनिषद के श्लोकों के उदाहरण से छात्रों एवं युवाओं को नैतिकता का पाठ पढ़ाया, और उन्होंने छात्रों को बताया कि जीवन सुखदपूर्ण ढंग से जीने के लिए आध्यात्मिक एवं नैतिक शिक्षा का होना अति आवश्यक है। उन्होंने बिमटेक की तारीफ करते हुए कहा कि यह संस्थान शिक्षा के साथ नैतिकता भी सिखाती है जो महत्वपूर्ण एवं सराहनीय है।
बिमटेक बिरला संस्थान के निदेशक डॉ एच चतुर्वेदी ने सभी छात्रों, फैकेल्टी एवं अतिथियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि मैं सभी छात्रों को सैल्यूट करता हूँ कि इतनी सारी मुश्किलों के बाद भी आपने इस कोर्स को पूरा किया है। आपने यह साबित कर दिया कि जिसमें इच्छाशक्ति एवं दृढ़ विश्वास होगा वह सफलता हासिल करके रहेगा।
आगे उन्होंने संस्थान की सफलताओं एवं उपलब्धियों को गिनाते हुए कहा कि हमारे छात्र दुनिया के 108 कम्पनियों में कार्यरत हैं और यही हमारी सफलता है । आगे उन्होंने कहा कि आज हम पूरे देशभर में व्यावसायिक शिक्षा के मामले में शीर्ष संस्थानों में से एक माने जाते है।
आखिरी में डॉ. चतुर्वेदी ने एक शायरी के साथ अपने भाषण का समापन किया:
“अपने परों को खोल जमाना उड़ान देखता है,
गर हुनर है तो हुनर की हिफाजत कर,
गर हुनर है तो हुनर की हिफाजत कर
सम्भल कर चल तुम्हें सारा जहान देखता है”।
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