पशुओं की अचानक मृत्यु होने पर सरकार देगी मुआवजा, जानिए क्या है Pasgudhan Bima Yojna
किसान की आय के दो साधन होते हैं एक तो वो खेती करता है या फिर वह पशु पालता है। वो गाय, भैंस का दूध बेचता है और बैलों से खेत जोतकर खेती करता है। किसान के लिए फसल और पशु दोनों के लिए असुरक्षा ही रहती है, जैसे फसल प्राकृतिक आपदा की वजह से बर्बाद हो जाती है वैसे ही पशु भी बीमारी, मौसम या दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं। किसान अपनी फसलों का तो बीमा करवा लेते हैं लेकिन अपने पशुओं का बीमा करवाना भूल जाते हैं जिनकी कीमत हजारों में होती है अगर गाय या भैंस दुधारु है तो फिर कीमत लाखों में भी होती है। ऐसे में किसान को बहुत बड़ा नुकसान उठाना पड़ता है। इसी को ध्यान में रखकर केंद्र सरकार ने किसान भाइयों के लिए पशुधन बीमा योजना की शुरुआत की है। इस योजना में पंजीकृत किसान भाइयों के पशु की मृत्यु हो जाती है तो उसे उनका मूल्य दिया जाता है जिससे नुकसान की भरपाई हो सके।
जानें क्या है पशुधन बीमा योजना और कैसे मिलता है इसका लाभ –
इस योजना में सरकार किसानों के पशुओं के लिए 50 प्रतिशत तक बीमा में जमा होने वाले प्रीमियम का अनुदान करती है। योजना में देशी/संकर दुधारू पशुओं का बीमा उनके बाजार मूल्य पर होता है इस योजना में किसान भाई अपने दो पशुओं का बीमा एक साथ करवा सकते हैं और प्रत्येक पशु की बीमा अवधि 3 साल तक होती है।
कैसे करवाएं पशुओं का बीमा
- जो किसान भाई अपने पशु का बीमा करवाना चाहते हैं तो सबसे पहले अपने नजदीकी पशु अस्पताल में बीमा की जानकारी देनी होगी।
- उसके बाद पशुचिकित्सक और बीमा एजेंट किसान के घर आकर पशु के स्वास्थ्य की जांच करेंगे।
- जांच होने के बाद पशु चिकित्सक एक स्वास्थ्य प्रमाण पत्र जारी करता है।
- बीमा एजेंट जांच होने के बाद पशु के कान में एक टैग लगाता जिससे पता चलता है की पशु का बीमा हो चुका है। उसके बाद किसान और पशु की एक साथ फोटो ली जाती है।
- सके बाद बीमा पालिसी जारी कर दी जाती है।
- पशु के खो जाने पर बीमा कंपनी को सूचित करना होगा।
- टैग गिर जाने पर बीमा कंपनी को सूचित करना होगा जिससे नया टैग लगाया जा सके।
- यदि भीमाशाह कार्ड है तो 5 पशुओं का बीमा हो सकता है।
अलग अलग राज्य में अलग अलग प्रीमियम राशि
यहां ये ध्यान देना जरूरी है की प्रीमियम राशि अलग अलग राज्यों में अलग अलग होती है। किसी राज्य में केंद्र और राज्य दोनों मिलकर इस राशि का भुगतान करते हैं।