भारत विश्व गुरू बनने की राह पर अग्रसर, शारदा विवि में बोले केंद्रीय राज्य पर्यावरण मंत्री अश्विनी चौबे
केंद्रीय राज्य पर्यावरण मंत्री अश्विनी चौबे ने कहा कि आने वाला समय भारत का है। यहां की संस्कृति, विरासत और आचरण से हमारे युवा विश्व के पटल पर अपना कीर्तिमान स्थापित करेंगे।
शारदा विश्वविद्यालय में रामधुन फाउंडेशन संस्था की ओर से आयोजित आदि गुरू से विश्व गुरू पर विचार रखते हुए कार्यक्रम के मुख्य अतिथि केंद्रीय राज्य पर्यावरण मंत्री अश्विनी चौबे ने कहा कि यदि किसी को गुलाम बनाना हो तो उसके विचारों को नष्ट करो। पूर्व में हमारे साथ भी ऐसा ही हुआ था। इसे हमलोग अपनी बुदिध, विवेक, आचरण, सांस्कृति विरासत और मजबूत इच्छाशक्ति के बल पर पार पा सकते हैं। अपनी भाषा में बात करें, अपनी संस्कृति को दूसरों तक पहुंचाएं और इसकी अच्छाइयों से लोगों को रूबरू कराएं। ऐसा होने के बाद किसी की ताकत नहीं है कि कोई हमें डिका सके। उन्होंने बाल दिवस के मौके पर मंच पर बच्चों को बुलाकर उनसे संवाद किया और उन्हें सम्मानित किया। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और पीएम नरेंद्र मोदी के यूएन भाषणों का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि वैदिक संस्कृति आज भी प्रासंगिक है। उन्होंने उम्मीद जताई कि आने वाले समय में भारत विश्व को रास्ता दिखाएगा। आदि शंकराचार्य अनादि काल से अब तक लोगों के प्रेरणास्त्रोत रहे हैं। आज के युवा में इतनी शक्ति है कि वह आने वाले समय का नेतत्व करेगा। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि भाजपा के राष्टीय प्रवक्ता गोपाल कष्ण अग्रवाल ने आर्थिक मोर्चे पर अपनी बात रखी और कहा कि आर्थिक रूप से सशक्त देश ही अपनी जगह बनाता है। पीएम मोदी के विजन को हमारे देश के यूथ जरूर पूरा करेंगे। शाारदा विवि के प्रो चांसलर वाई के गुप्ता ने अपने संबोधन में कहा कि हमारे यहां से प्रतिवर्ष मेडिकल, इंजीनियरिंग, नर्सिंग, डेंटल और अन्य कॉलेजों से प्रतिभाएं निकलती हैं। उन्होंने अपनी काबिलियत से न केवल खुद को स्थापित किया बल्कि औरों को भी प्रेरित किया। कोरोना महामारी में हमारे छात्रों ने सबसे छोटा वेंटिलेटर बनाकर एक नई नजीर पेश की। इसकी ग्लोबल लेवल पर तारीफ हुई। इंजीनियरिंग के प्रथम और द्वितीय वर्ष के छात्रों ने ऐसा रोबोट बनाया जो मरीजों और डॉक्टरों के बीच सीधे संवाद को स्थापित किया। ऐसे में शारदा विवि अपने स्तर पर भारत को विश्व गुरू बनने में सहयोग देगा। यहां के बच्चे आगे चलकर न केवल खुद आत्मनिर्भर बनेंगे बल्कि देश की अर्थव्यवस्था में भी अपना योगदान देंगे। कार्यक्रम के अंत में शारदा विवि के बच्चों ने सांस्कृति कार्यक्रम के माध्यम से प्राचीन काल से लेकर अब तक के दर्शन का चित्रण किया। सभागार में सैकडों लोगों की भीड ने छात्रों की प्रस्तुति को जमकर सराहा।