क्रिप्टो से कमाने वालों पर टैक्स लगाने की तैयारी, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद कारोबार में आई तेजी
नई दिल्ली । क्रिप्टोकरंसी में कारोबार के तेजी से बढ़ते चलन को देखते हुए वित्त मंत्रालय अब इसे पूरी तरह से टैक्स के दायरे में लाना चाहता है। मंत्रालय का मानना है कि कोई व्यक्ति क्रिप्टो से पैसा कमा रहा है तो उसे सरकार को टैक्स देना ही होगा। अभी क्रिप्टो पर टैक्स को लेकर कोई भी स्पष्ट नियम या निर्देश नहीं हैं जिसके चलते क्रिप्टो से बड़ी कमाई करने वालों से सरकार नियम के तहत वसूली नहीं कर पा रही है।
29 नवंबर से शुरू होने वाले संसद के शीतकालीन सत्र में क्रिप्टो करंसी के नियामक को लेकर सरकार बिल भी ला सकती है। क्रिप्टोकरंसी के नियामक संबंधी बिल की तैयारी में वित्त मंत्रालय का आर्थिक मामले का विभाग जुटा है। वहीं क्रिप्टो के लिए स्पष्ट रूप से टैक्स नीति वित्त मंत्रालय का राजस्व विभाग तैयार कर रहा है। पिछले कुछ महीनों में क्रिप्टो में निवेश करने वालों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हुई है और ब्रोकरचूजर की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 10.07 करोड़ लोगों के पास क्रिप्टोकरंसी है जो दुनिया के किसी भी देश से अधिक है। सूत्रों के मुताबिक ऐसा हो सकता है कि क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े बिल के पेश होने से पहले क्रिप्टो से जुड़ी टैक्स नीति की घोषणा हो जाए। इसके पीछे की मुख्य वजह यह है कि राजस्व विभाग हर हाल में इसे टैक्स के दायरे में लाना चाहता है और इसको लेकर उसने तैयारी भी शुरू कर दी है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद कारोबार में आई तेजी
वर्ष 2018 में रिजर्व बैंक ने बैंक और अन्य वित्तीय संस्थाओं पर क्रिप्टोकरंसी से जुड़े ट्रांजैक्शन को लेकर रोक लगा दी थी। हालांकि वर्ष 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने इस आदेश को पलट दिया और तब से क्रिप्टो के कारोबार में भारी तेजी आई है। हालांकि सरकार की तरफ से इसे वैधानिक करंसी का दर्जा नहीं दिया गया है।