‘सेवइन एप’ : रुचि के क्षेत्र में बढ़ने से मिलेगी सफलता, इससे क्या होगा फायदा
भारत में शीर्ष के सिर्फ पांच प्रतिशत लोग ही संस्थागत क्रेडिट का लाभ उठा पाते हैं। बाकी ७० प्रतिशत परिवार/लोग गैर-संस्थागत स्रोतों के जरिये ही क्रेडिट प्राप्त कर पाते हैं। वे अपने सामाजिक नेटवर्क, परिजन, दोस्त, रिश्तेदार आदि से ही लेन-देन करते हैं। कोविड के दौरान तो यह 100 प्रतिशत तक पहुंच गया।
क्या है सेवइन
इसी वजह से जितिन भसीन ने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर ‘सेवइन’ की शुरुआत की। यह एक सामाजिक वित्त आधारित नियो बैंक है। सेवइन एप के अब तक पचास हजार से अधिक डाउनलोड हो चुके हैं, जबकि इनके प्लेटफार्म पर तीन हजार से अधिक पंजीकृत ऋणदाता हैं। कंपनी के संस्थापक एवं सीईओ जितिन के अनुसार, उनका उद्देश्य इनोवेटिव फाइनेंशियल प्रोडक्ट एवं सर्विसेज के जरिये अधिक से अधिक भारतीयों को क्रेडिट का लाभ पहुंचाना है। वह चाहते हैं कि युवा अपनी रुचि के क्षेत्र को चुनें और उसमें आगे बढ़ने का प्रयास करते रहें। इससे हर कदम पर कुछ न कुछ नया सीखने को मिलेगा और एक दिन अपनी सफलता का स्वाद चख सकेंगे।
बताते हैं जितिन, ‘सेवइन देश का पहला सोशल फाइनेंस आधारित फिनटेक प्लेटफार्म है, जो यहां के निजी ऋण बाजार के डिजिटाइजेशन पर काम कर रहा है। हम दोस्तों, परिवार, परिचितों के बीच लेनदेन के बड़े बाजार को व्यवस्थित करने का इरादा रखते हैं। हमारे मोबाइल एप के जरिये सामाजिक ऋण का डिजिटल पेमेंट, रिकार्ड की निगरानी, मैच मेकिंग आदि की जा सकती है।
नियो बैंकिंग में विकास की संभावनाएं
पेशे से इलेक्ट्रानिक्स इंजीनियर रहे हैं जितिन। इंडियन इंस्टीट्यूट आफ फारेन ट्रेड से एमबीए करने के बाद इन्होंने बैंकबाजार, इंडसइंड बैंक, फिनटेक कंपनी ‘रुपीरेडी’ को अपनी सेवाएं दीं। लेकिन फिर नौकरी छोड़ अपनी कंपनी शुरू करने का निर्णय लिया। वह कहते हैं, ‘इनोवेटिव प्रोडक्ट की डिजाइनिंग, प्लानिंग एवं समस्या का समाधान निकालने में बैंकिंग एवं फिनटेक इंडस्ट्री का अनुभव काफी काम आया। अच्छी बात यह है कि आज तमाम नियो बैंकिंग प्लेटफार्म इनोवेटिव प्रोडक्ट एवं सर्विस क्रिएट करने पर ध्यान दे रहे हैं, जिससे आम ग्राहकों के साथ उद्यमियों एवं लघु उद्योग की भी मदद हो सके।