सुपरटेक ईकोविलेज वन पर फिर लगा चार लाख का जुर्माना, कूड़े का प्रबंधन न करने पर ग्रेनो प्राधिकरण ने की कार्रवाई
ग्रेटर नोएडा। कूड़े का उचित प्रबंधन न करने पर सोसाइटियों के खिलाफ प्राधिकरण की कार्रवाई जारी है। प्राधिकरण ने ग्रेटर नोएडा वेस्ट के सेक्टर एक स्थित ईकोविलेज वन सोसाइटी पर फिर से जुर्माना लगाया है। बीते अगस्त माह में बिल्डर पर कूड़े का उचित प्रबंधन न करने पर जुर्माना लगाया गया था, लेकिन बिल्डर ने कोई कूड़ा निस्तारण का कोई इंतजाम नहीं किया, जिस पर प्राधिकरण ने यह कार्रवाई की।
दरअसल, ग्रेटर नोएडा में ठोस अपशिष्ट कूड़ा प्रबंधन नियम 2016 लागू है। इसके तहते बल्क वेस्ट जनरेटरों, मसलन बड़ी सोसाइटियों, शिक्षण संस्थानों आदि को कूड़े का निस्तारण खुद से करना होता है। प्राधिकरण री-साइकिल न हो पाने वाले इनर्ट वेस्ट को ही उठाता है। उसके लिए निर्धारित शुल्क देना पड़ता है। अधिकतर सोसाइटियां बल्क वेस्ट जनरेटर की श्रेणी में आती हैं। सुपरटेक की ईकोविलेज वन सोसाइटी भी उन्हीं में शामिल है, लेकिन सोसाइटी से निकलने वाले कूड़े को निस्तारित नहीं किया जा रहा है, बल्कि इधर-उधर फेंका जाता है। प्राधिकरण के सीईओ नरेंद्र भूषण के निर्देश पर जनस्वास्थ्य विभाग की टीम अभियान चलाकर बल्क बेस्ट जनरेटर की जांच कर रही है और कूड़े का निस्तारण न करने पर जुर्माना भी लगाती है। बीते 9 अगस्त को टीम ने ईकोविलेज सोसाइटी की जांच की थी। कूड़े का निस्तारण न होने पर 2.01 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया था। कूड़े का निस्तारण शीघ्र करने की हिदायत दी गई थी। 31 अक्तूबर को फिर टीम ने सोसाइटी की जांच की, लेकिन कोई सुधार नहीं मिला। कूड़ा इधर-उधर फेंका हुआ मिला, जिस पर टीम ने 4.03 लाख रुपये का जुर्माना लगाया। टीम ने जुर्माने की रकम तीन कार्य दिवस में जमा कराने के निर्देश दिए। अन्यथा कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी है। जनस्वास्थ्य विभाग के प्रभारी सलिल यादव के निर्देश पर कार्रवाई के लिए गई टीम में प्राधिकरण की तरफ से डॉ. उमेश चंद्रा, इंस्पेक्टर संजीव विधूड़ी, सुपरवाइजर मुदित त्यागी, इंद्र नागर व फीडबैक फाउंडेशन से संजय शुक्ला आदि मौजूद रहे। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ नरेंद्र भूषण ने सभी बल्क वेस्ट जनरेटरों से कूड़े का उचित प्रबंधन करने और शहर को स्वच्छ रखने में सहयोग की अपील की है।