वाराणसी पहुंचे प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी, हर हर महादेव का उद्घोष कर हुए काशी से संबंधों को जोड़ा

वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने जनता को दोपहर दो बजे से संबोधित करना शुरू किया तो हर हर महादेव का उद्घोष कर हुए काशी से संबंधों को जोड़ा। कहा कि आप लोग इजाजत दें तो बोलना शुरू करुं। हर हर महादेव, बाबा विश्‍वनाथ, माता अन्‍नपूर्णा की नगरी काशी की पुण्‍य भूमि के भाई और भगिनी लोगन के प्रणाम। दीवाली, देव दीपावली, अन्‍नकूट, भैया दूज, प्रकाशोत्‍सव, डाला छठ की आप सभी को शुभकामना।

देश के कोने कोने से जुडे हेल्‍थ प्रोफेशनल, मेंडिकल संस्‍थान के लोगों और सभी का आभार। कोरोना की लड़ाई में देश ने 100 करोड़ के पड़ाव को पूरा किया है। बाबा विश्‍वनाथ के आशीर्वाद और गंगा के अविरल प्रताप और काशी के अखंड विश्‍वास से सबको मुफ्त वैक्‍सीन आगे बढ़ रहा है। आप सभी का आदरपूर्वक वंदन। आज ही यूपी को नौ नए मेडिकल कालेज देने का अवसर मिला है। इससे पूर्वांचल और पूरे यूपी के करोड़ो समाज के वर्गों को फायदा होगा। दूसरे शहरों के बड़े अस्‍पतालों के लिए भागदौड़ कम होगी। मानस में सोरठा का उदाहरण दिया। काशी में शिव शक्ति साक्षात निवास करते हैं। ज्ञान काशी को कष्‍ट और क्‍लेश से मुक्‍त करती है तो स्‍वास्‍थ्‍य से जुडी योजना के लिए काशी से बेहतर जगह और क्‍या हो सकती है। आज इस मंच पर दो बड़े कार्यक्रम हो रहे हैं। एक भारत सरकार का भारत के लिए 64 हजार करोड़ से अधिक का काम काशी से लांच हो रहा है। दूसराक काशी और पूर्वांचल के कार्यक्रम। पहले और यहां के कार्यक्रम को मिला दें तो 75 हजार करोड़ का कार्यक्रम जारी किया गया है। काशी की योजनाओं में महादेव का अशीर्वाद है। जहां महादेव का आशीष है वहां सफलता ही सफलता है। महादेव की वजह से कष्‍टों से मुक्ति तय है। यूपी सहित देश के हेल्‍थ इंफ्राष्‍ट्रक्‍चर को ताकत देने, महामारी से बचाव के लिए तैयारी उच्‍च स्‍तर तक हो। हमारे हेल्‍थ सिस्‍टम में आत्‍मविश्‍वास और आत्‍मनिर्भरता आए इसके लिए 64 हजार करोड़ से आयुष्‍मान भारत हेल्‍थ इंफ्रास्‍ट्रक्‍टर मिशन शुरू करने का मौका मिला है। पांच हजार करोड़ की परियोजना का लोकार्पण किया गया है। सड़क से घाट, गंगा, वरुणा की साफ सफाई, पुल पार्किंग, बीएचयू की परियोजना त्‍योहारों के मौसम में जीवन को सुगम बनाने के लिए काशी के विकास पर्व को देश को ऊर्जा और विश्‍वास देने वाला है। काशी सहित आज मैं काशी की धरती से देश के 130 करोड़ जनता को बधाई देता हूं।

शरीर को स्‍वस्‍थ करने का निवेश उत्‍तम माना गया है। आजादी के बाद आरोग्‍य और स्‍वास्‍थ्‍य सुविधा पर ध्‍यान नहीं दिया गया जितनी जरूरत थी। जिनकी लंबे समय तक सरकार रही उन्‍होंने हेल्‍थ सेक्‍टर को विकास की जगह सुविधाओं से वंचित रखा। गांव में अस्‍पताल नहीं, ब्‍लाक में टेस्‍ट की सुविधा नहीं था। जिला अस्‍पताल में गंभीर बीमारी का इलाज नहीं था। बड़े अस्‍पताल में लंबा इंतजार होता था। मरीज और परिवार परेशान रहता था। जिंदगी जूझने में चली जाती थी। कई बार गरीब पर आर्थिक बोझ अलग था। हेल्‍थ केयर सिस्‍टम में कमी की वजह से गरीब और मिडल क्‍लास चिंतित रहता था। योजना इसी कमी के लिए दूर का समाधान है। महामारी से निबटने में हम तैयार हों सक्षम हों। इसके लिए हेल्‍थ सिस्‍टम को तैयार किया जा रहा है। बीमारी पकड़ में आए जांच में देरी न हो। लक्ष्‍य है कि गांव से ब्‍लाक जिला रीजनल और नेशनल तक क्रिटिकल हेल्‍थ केयर मजबूत हो। हमारे नार्थ ईस्‍ट के राज्‍य हैं उनपर फोकस किया जा रहा है। मिशन के तीन पहलू हैं। डायग्‍नोस्टिक सिस्‍टम के तहत हेल्‍थ और वेलनेस सिस्‍टम के साथ बीमारी डिटेक्‍ट फ्री में किेया जाएगा। समय पर बीमारी पता चलेगी तो गंभीर होने की आशंका कम होगी। उसके इलाज के लिए 600 से अधिक जिलों के क्रिटिकल केयर के लिए बेड तैयार किए जाएंगे। सवा सौ जिलों में रेफरल की सेवा। ट्रेनिंग और कैपेसिटी बिल्डिंग और अस्‍पताल में सुविधा बढ़ेगी। सर्जरी से जुड़े नेटवर्क चौबीसों घंटे के लिए तैयार होंगे।

रोगों की जांच से जुड़ा टेस्टिंग नेटवर्क दूसरा बिंदु हैं। जरूरी इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर का विकास होगा। 730 जिलों में इं‍टीग्रेटेट सिस्‍टम डेवलप होगा। इस नेटवर्क को और सशक्‍त किया जाएगा।

तीसरा पहलू रिसर्च संस्‍थानों को सशक्‍त बनाने का है। 80 बायो व रिसर्च लैब हैं इनको और बेहतर किया जाएगा। ऐसी 15 लैब को सक्रिय किया जाएगा। 4 नए वायरोलाजो लैब बनेगा। एक राष्‍ट्रीय संस्‍थान भी बनेगा। इसके माध्‍यम से देश के कोने कोने में इलाज से लेकर इको सिस्‍टम विकसित किया जाएगा। दशकों पहले यह होना था लेकिन हाल क्‍या है उसका वर्णन करने की जरूरत नहीं है। हम सात साल से बड़े स्‍तर पर काम कर रहे हैं। मैने दिल्‍ली में पूरे देश के लिए गति शक्ति बड़ा इंफ्रास्‍ट्रक्‍टर को लांच किया था और आज यह दूसरा बड़ा हेल्‍थ को लेकर मिशन लेकर काशी से निकल रहे हैं। इससे रोजगार का भी वातावरण बनता है। एक बड़ा अस्‍पताल बनता है तो आसपास शहर बस जाता है। इसलिए यह मिशन स्‍वास्‍थ्‍य के साथ आर्थिक मिशन भी है जो सभी के लिए सुलभ और सस्‍ता हो यानि होलिस्टिक मिशन भी है। अनेक अभियानों ने देश को बीमार होने से बचाया है। आयुष्‍मान भारत योजना ने गरीबों का मुफ्त इलाज कराया है। हमसे पहले वर्षों तक सरकार में रहे उनके लिए स्‍वास्‍थ्‍य सेवा घोटालों और पैसा कमाने का जरिया रहा है। आज गरीब दलित शोषित वंचित और पिछड़ों का दर्द समझती है। पहले जनता का पैसा घोटाले में जाता था आज बड़े प्रोजेक्‍ट में लग रहा है। आज महामारी से देश निपट रहा है और लाखों करोड़ का इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर शुरू किया गया है। स्‍टाफ की संख्‍या भी बढ़ेगी। नए मेडिकल कालेज से सीटों में इजाफा होने से गरीब भी चिकित्‍सा क्षेत्र में नौकरी कर सकेगा। देश में डाक्‍टर आगे दस गुना मिलने जा रहे हैं। अधिक डाक्‍टर होंगे तो उतनी ही उपलब्‍धता आसान होगी। अभाव से आगे बढ़कर काम किया जा रहा है। अतीत में देश में या यूपी में जो काम हुआ वैसे काम होता तो काशी की हालत क्‍या होती। काशी को अपने हाल पर छोड़ रखा था। लटकते तार, सडक घाट गंगा जाम प्रदूषण सब चलता रहता। काशी का हृदय मन वही है बस प्रयास ईमानादार है। काशी में जितना काम हुआ उतना कई दशकों में नहीं हुआ। रिंग रोड न होने से जाम होता था। नो इंट्री खुलने का इंतजार बनारस वालों की आदत हो गई थी। कहीं भी आना जाना हो ता शहर वालों को परेशान करने की जरूरत नहीं। गाजीपुर तक जुड़ गई है। सर्विस रोड़ भी है। प्रयागराज, लखनऊ, बिहार तक कारोबार को गति मिलेगी। देश में एक समर्पित इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर न हो तो विकास की गति सुस्‍त रहती है। अब एयरपोर्ट आने वालों को कालीन बनाने वालों को, विंध्‍याचल दर्शन करने वालों की सुविधा होगी। रेलवे स्‍टेशन पर बने लांज से सुविधा होगी। गंगा की स्‍वच्‍छता के लिए काम किया जा रहा है। आज हम अनुभव भी कर रहे हैं। घरों का गंदा पानी रोकने के लिए रामनगर में सीवज ट्रीटमेंट प्‍लांट काम कर रहा है। 50 हजार आबादी को लाभ मिल रहा है। वरुणा के लिए भी काम हो रहा है। उपेक्षित वरुणा अस्तित्‍व खो रही थी। आज साफ पानी वरुणा में जा रहा है। दोनों किनारे पाथवे रेलिंग बन रहे हैं। काशी व पूर्वांचल के किसानों के लिए सुविधा विकसित हुई है। पैकेजिंग प्रोसेसिंग और पेरिशेबल कार्गो बना है। उससे किसानों को सुविधा मिलेगी। सीएनजी प्‍लांट से खाद भी किसानों को मिलेगी। काशी में बीएचयू का दुनिया में श्रेष्‍ठता तकनीक से हेल्‍थ तक सुविधा तैयार हो रही है। सुवा साथी पढ़ाई के लिए आ रहे हैं। आवासीय सुविधा तैयार हो रही है। मालवीय जी के विजन को साकार करने में मदद मिल रही है। विकास के सभी प्रोजेक्‍ट संकल्‍प को सिद्ध कर रहे हैं। मिट्टी के कारीगर और बुनकरों के लिए खादी व कुटीर उद्योग में 60 फीसद और बिक्री में 90 फीसद इजाफा हुआ है। इस दीवाली हमें इनका भी ध्‍यान रखना है। कपड़ों और दीयों के लिए वोकल फार लोकल के लिए रखना है। तो सबकी दीवाली खुशियों से भर जाएगी। उत्‍पादन जिसमें पसीना और मिट्टी की सुगंध है उसे खरीदेंगे तो गरीब को काम मिलेगा। बड़ा परिवर्तन हम ला सकते हैं। सभी त्‍योहारों की शुभकामनाएं।

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