989 गांवों की बिलासपुर रियासत हुआ करती थी दनकौर-बिलासपुर में बस अड्डा व यात्री शेड न होने से यात्रियों को परेशानी
989 गांवों की बिलासपुर रियासत हुआ करती थी
दनकौर-बिलासपुर में बस अड्डा व यात्री शेड न होने से यात्रियों को परेशानी
-दनकौर-बिलासपुर में बस अड्डा और यात्री शेड बनाने की मांग
– ब्लाक खत्म होने से शहरी तर्ज पर विकास की उम्मीद जगी
दनकौर(खालिद सैफी):कहने के लिए दनकौर-बिलासपुर नगर पंचायत ग्रेटर नोयडा विकास प्राधिकरण क्षेत्र की एकमात्र नगर पंचायत व हाईटेक सिटी ग्रेटर नोयडा व सदर तहसील अंतर्गत क्षेत्र है। फिर भी मूलभूत सुविधाएं नदारद है। बस अड्डा व यात्री शेड बनाने की मांग कस्बेवासी व ग्रामीण कोई वर्षों से स्थानीय जनप्रतिनिधियों से बनवाने की मांग करते चले आ रहे हैं। लेकिन आजतक सुनवाई नहीं हुई।दनकौर ब्लाक खत्म होने से लोगों को शहरी तर्ज पर विकास होने की उम्मीद जगी है। बस अड्डा यात्री शेड जैसी समस्याओं का समाधान होने की भी उम्मीद कर रहे हैं।
” बिलासपुर कस्बे में अरसे से स्थाई बस अड्डे की मांग की जा रही है। इसके ना तो जनप्रतिनिधि गंभीर है ना ही जिम्मेदार इस वजह से आज भी लोग खुले आसमान के नीचे बस का इंतजार करने को मजबूर हैं। ब्लाक खत्म कर लगता है अब शहरी तर्ज पर विकास होगा।”
विपिन चौहान
“दनकौर- बिलासपुर में यात्रियों की सुविधाओं के नाम कुछ
भी मुहैया नही है, यात्री खुले आसमान के नीचे खड़े होकर बस का इन्तजार करते है ऐसे में सबसे अधिक परेशानी गर्मी व बरसात के दिनों में होती है। बस अड्डा न होने से मनमर्जी स्थान से परेशानी होती है।”
कपिल
” चिलचिलाती धूप व ठंड के कोहरे की बूंद में खुले आकाश के नीचे इंतजार करना मुश्किल हो जाता है। बस अड्डा ओर यात्री शेड ना होने से बहुत परेशानी होती है, कितनी बार इसकी मांग की है कि स्थाई बस अड्डा यात्री शेड बन जाए, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो सकी।”
सुबोध चौधरी
” दनकौर में गुरु द्रोणाचार्य का मन्दिर और लुत्फुलाहशाह की दरगाह होने कारण लोग दूरदराज से यहां बड़ी संख्या में आते है । दनकौर से बिलासपुर खेरली नहर कासना तक परिवहन की बहुत बड़ी समस्या के साथ यात्री शेड नियत स्थान स्टैंड का नामोनिशान तक नहीं है।”
राजेन्द्र