सनातन धर्म रामलीला समिति रामलीला में निषाद मिलन लीला का मंचन
नोएडा : आज रत्नाकर ड्रामेटिक आर्ट प्रोडक्शन द्वारा आज सनातन धर्म रामलीला समिति के तत्वाधान में मंच पर सर्वप्रथम श्री राम जी का अपने मित्र निषाद से मिलन उसके उपरांत राम जी सुमंत को शीघ्र अतिशीघ्र प्रस्थान के लिए कहते है। केवट प्रसंग, भरत कैकई संवाद एवं भरत मिलाप की लीला का मंचन होगा।
आज की लीला में सर्वप्रथम श्री राम जी का भीलों के राजा निषादराज से मिलन । तत्पश्चात राम जी गंगा नदी के तट की और बढ़ते है जहा उनकी भेट केवट से होती है, जब राम जी केवट को नदी पार करवाने के लिए कहते है तो केवट उनको यह कहते हुए मना करता है कि अरे प्रभु सुना है की आपके चरण कमल के छूने से पत्थर की शिला औरत बन गई थी । ई तो हमारी कठिया की नाव है अगर ई भी औरत बन गई तो फिर केवट प्रभु के चरणो को धोकर उन्हें आदर सहित नाव में बैठात है और गंगा नदी पार करवाते है। रामजी केवट को आशीर्वाद देते है और आगे बढ़ते है अगले दृष्य में भरत अपने ननिहाल से वापस अयोध्या आते है जहा वहा के लोग उन्हें घृणा भाव से देखते है भरत कैकई के पास जाते है और इसका कारण पूछते है कैकई भरत को सारी बाते बता देती है भरत अति क्रोधित हो जाते है और कहते है भरत तुझे घृणा अति भारी नही है माता तू मेरी तू है सघन अत्याचारी अत्याचार की अग्नि में सर्वस्य ही जलाया है । तेरी कोख से जन्म लेकर मैने पाप कमाया है ।
ये सब सुनकर कैकई को अपनी करनी पर बहुत पछतावा होता है और वे रोने लग जाती है । भरत माता कौशल्या और सुमित्रा से मिलते है और वषिष्ठ ऋषि से मिलकर चित्रकूट से श्री राम को वापस लाने की योजना बनाते है भरत पूरी प्रजा के साथ चित्रकूट की और बढ़ते है और श्री राम जी के समक्ष पहुंचते है सभी लोग उनसे मिलते है तत्पश्चात वशिष्ठ जी राम, भरत सबकी बातें सुनते है और निर्णय लेते हुए कहते है धर्म और न्याय से मैने यह विचारा है राम अब वन में अवध भरत का किनारा है ।
भरत श्री राम से उनकी खड़ाऊ मांगते है और कहते है मैं इन्हें अवध के सिंहासन पर सजाऊंगा।
भरत बहुत ही दुखी हो जाते है । राम के अनुराग में भरत अब त्यागी बना वास महलों में करेगा किंतु सन्यासी बना। आज की लीला यही समाप्त हो जाएगी।
इस कार्यक्रम में सांसद प्रतिनिधि संजय बाली, अतुल मित्तल, राजेष भारद्वाज, एन. के. अग्रवाल, पंखुडी पाठक, अनिल यादव, अनुज गुप्ता, आलोक वत्स, डा. टी.एन. गोविल, अध्यक्ष टी.एन. चौरसिया, कोषाध्यक्ष अल्पेष गर्ग, मित्रा शर्मा, प्रताप मेहता, देवेन्द्र गंगल, विपिन बंसल, प्रमोद रंगा आदि काफी संख्या में उपस्थित रहे।