पाकिस्तान से दिल्ली-NCR के लिए आएगी बड़ी मुसीबत, अभी से हो जाएं सतर्क
नई दिल्ली । मानसून के विदा होने का समय आते ही दिल्ली एनसीआर में सांसों के आपातकाल का दौर भी नजदीक आ गया है। लंबे समय से संतोषजनक श्रेणी में चल रही हवा मध्यम श्रेणी में आ गई है, सप्ताहांत तक यह खराब श्रेणी में पहुंच जाएगी। चंकि पंजाब और हरियाणा में पराली जलना शुरू हो गई है तो एक डेढ़ माह तक राहत मिलने की संभावना भी नहीं ही लग रही। गौरतलब है कि अभी तक पूर्वी और दक्षिणी पश्चिमी हवाएं चल रही थीं जो बंगाल की खाड़ी से आ रही थीं। इनमें नमी भी थी। लेकिन बुधवार को उत्तर भारत से दक्षिणी पश्चिमी मानसून की विदाई शुरू होने के साथ ही हवा की दिशा उत्तर पश्चिमी हो गई है। यह हवा जम्मू कश्मीर यानी हिमालय की पहाड़ियों से आती है। इस हवा के साथ पहाड़ों की ठंडक ही नहीं, पंजाब व हरियाणा में जलने वाली पराली का धुआं भी दिल्ली पहुंचता है। यही नहीं, उत्तर पश्चिमी हवा के साथ ही राजस्थान, पाकिस्तान और अफगानिस्तान की धूल भी दिल्ली एनसीआर आती है।
पर्यावरणविदों के मुताबिक हवा की दिशा बदल गई है और अगले दो तीन दिनों में मानसून भी दिल्ली एनसीआर से विदा हो जाएगा। ऐसे में प्रदूषण भी अब धीरे धीरे लगातार बढ़ेगा। दिल्ली एनसीआर का एयर इंडेक्स 100 का आंकड़ा पार कर मध्यम श्रेणी में पहले ही आ चुका है, सप्ताहांत तक यह 200 का आंकड़ा पार कर खराब श्रेणी में पहुंच सकता है।
मानसून की विदाई शुरू होते ही उत्तर भारत में हवा की दिशा पूर्वी से उत्तर पश्चिमी हो गई है। इस हवा के साथ धूल और पराली दोनों का प्रदूषण आता है। लिहाजा दिल्ली एनसीआर की हवा भी अब खराब होने लगेगी।– डा. दीपांकर साहा, पूर्व अपर निदेशक, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी)
हवा की दिशा बदली है तो पराली का धुआं भी दिल्ली आएगा ही। हवा पर हमारा कोई अंकुश नहीं। अलबत्ता, पराली प्रबंधन को लेकर हम बार बार एनसीआर के राज्यों और केंद्र सरकार से यथावश्यक कदम उठाने का आग्रह कर रहे हैं। इसके अलावा दिल्ली में स्थानीय स्तर पर प्रदूषण कम करने के लिए हम हर संभव कदम उठा रहे हैं। -गोपाल राय, पर्यावरण मंत्री, दिल्ली सरकार
दिल्ली-एनसीआर का एयर इंडेक्स
- दिल्ली – 114
- फरीदाबाद – 160
- गाजियाबाद – 138
- ग्रेटर नोएडा – 196
- गुरुग्राम – 94
- नोएडा – 113