केजरीवाल ने कहा : आर्थिक मदद के लिए कोरोना से मरने वालों का मृत्यु प्रमाण पत्र जरूरी नहीं
कोरोना महामारी की वजह से मरने वालों का मृत्यु प्रमाण पत्र अब दिल्ली सरकार की आर्थिक सहायता योजना के लिए जरूरी नहीं है। शुक्रवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि सरकार से वित्तीय सहायता प्राप्त करने के लिए परिजन को मृत्यु प्रमाण पत्र या फिर जीवित सदस्य प्रमाण पत्र की आवश्यकता नहीं है।
अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक में सीएम ने कोरोना से मरने वालों के परिवारों को आर्थिक मदद पहुंचाने के लिए बनाए गए नियमों को लेकर आपत्ति जताई। उन्होंने लंबित मामलों पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की और अधिकारियों को जल्द से जल्द वित्तीय सहायता वितरित करने का निर्देश दिया।
सीएम ने बैठक में कहा कि आरामदायक रवैया बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस योजना का उद्देश्य परिवारों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है क्योंकि वे अपने प्रियजनों को खो चुके हैं और परिवार सदमे में है। यह सभी लोग पीड़ित हैं और कागजी कार्यवाही के कारण इन्हें परेशान नहीं किया जा सकता। पीड़ितों को सरकारी दफ्तर बुलाने और विभिन्न तरह के दस्तावेज मांगने को लेकर सीएम ने काफी नाराजगी व्यक्त की।
मुख्यमंत्री ने सख्त निर्देश जारी किया है कि कोरोना से हुई मौत को सत्यापित करने के लिए गृह मंत्रालय से जारी सूची पर्याप्त है। इसके लिए किसी भी अतिरिक्त दस्तावेज की आवश्यकता नहीं है। सूची से मृतकों का नाम सत्यापित कर तत्काल सहायता राशि का वितरित करें।
सीएम ने आगामी बुधवार तक हर हाल में घर जाकर सभी पीड़ितों को राशि देने का आदेश दिया है। साथ ही उस दिन फिर से बैठक करने के लिए भी कहा है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को साफ कहा कि हमारी व्यवस्था इस तरह होनी चाहिए कि अधिकारी पीड़ित के घर जाएं और सत्यापन के बाद वहीं उनके बैंक खाते में सहायता राशि का तत्काल ट्रांसफर कर दें।
बैठक में सीएम ने गवाह बनाया पीड़ित
बैठक के दौरान सीएम ने एक पीड़ित को अधिकारियों के सामने गवाह बनाया। सचिवालय में चल रही बैठक में एक पीड़ित को बुलाया और उसने आपबीती सुनाई। पीड़ित ने बताया कि उनके पिता की कोरोना से मौत हुई। एक शिक्षक ने घर आकर फार्म भरवाया और सत्यापन करने का लेटर भी दिया लेकिन बाद में फोन आया कि अब ऑनलाइन फार्म भरना होगा।
ऐसा उन्होंने कर भी दिया लेकिन फिर कहा गया कि एसडीएम कार्यालय आकर दस्तावेजों का भौतिक सत्यापन कराएं। यहां तक कि पीड़ित से आरटीपीसीआर रिपोर्ट निगेटिव साथ लाने के लिए कहा। पीड़ित की इस कहानी ने मुख्य सचिव विजय देव को भी आश्चर्य में डाला। सभी जिलाधिकारियों को ऐसी घटना फिर सामने नहीं आने की चेतावनी दी।
25 हजार से ज्यादा मौतें, सहायता मिली 7163 को
बैठक में सीएम का गुस्सा उस वक्त और बढ़ा जब उन्हें पता चला कि अभी तक 7163 लोगों को यह मदद पहुंची है। जबकि दिल्ली में कोरोना संक्रमण की वजह से 25087 लोगों की मौत अब तक हो चुकी है। बैठक में बताया गया कि 25709 आवेदन में से स्वास्थ्य विभाग की सूची से 24,475 का मिलान किया है। 1130 टीम पीड़ितों के घर का दौरा कर रही हैं।
अबतक करीब 19 हजार आवेदकों के घरों का दौरा कर सत्यापन कर लिया है। वहीं, 1425 आवेदनों को विभिन्न कारणों से रद्द कर दिया गया है। इसके अलावा योजना के तहत मासिक वित्तीय सहायता प्राप्त करने के लिए 6700 आवेदन आए हैं। इसमें से 3648 आवेदनों को मंजूरी प्रदान की जा चुकी है और 3131 लाभार्थियों को मासिक वित्तीय सहायता का लाभ मिल रहा है। अभी तक इनके खाते में 1 करोड़ 56 लाख 57 हजार 500 रुपए ट्रांसफर किया जा चुका है।