पंजाब कांग्रेस में सुलह की कोशिश, सीएम चरणजीत चन्नी से मिले नवजोत सिंह सिद्धू; जानें- अब क्या होगा

पंजाब कांग्रेस में सुलह के प्रयास शुरु हो गए हैं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफे के बाद गुरुवार को नवजोत सिंह सिद्धू ने मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी से चंडीगढ़ स्थित पंजाब भवन में मुलाकात की। करीब एक घंटे चली मीटिंग के बाद दोनों नेता वापस चले गए, लेकिन अभी तक कोई फैसला सामने नहीं आया है। इनके साथ जो भी मंत्री मीटिंग में मौजूद थे, वे भी कुछ नहीं बोल रहे हैं। मुलाकात के दौरान कैबिनेट मंत्री परगट सिंह, कार्यकारी अध्यक्ष कुलजीत नागरा, अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग, इंद्रबीर सिंह बुलारिया,  पवन गोयल और पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रधान लाल सिंह भी मौजूद रहे।

पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत ने कहा है कि मुझे फिर से पंजाब आना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि अभी पांच सात दिन और लगेंगे, जिससे पंजाब कांग्रेस की स्थिति ठीक होगी। उन्होंने यह भी कहा कि पहले लगा था कि मेरा काम अब पंजाब से समाप्त हो चुका है, लेकिन अचानक ऐसी परिस्थितियां बनी कि मुझे फिर से पंजाब आना पड़ेगा।

इसी बीच  मुख्यमंत्री चन्नी ने 4 अक्टूबर को कैबिनेट की मीटिंग बुला ली है। हालांकि इसका एजेंडा नहीं बताया गया है। माना जा रहा है कि हाईकमान के 18 सूत्रीय फॉर्मूले को लेकर सिद्धू ने मुद्दा उठाया है। जिसके बाद यह फैसला लिया गया है। चन्नी ने पहले हर मंगलवार को कैबिनेट की मीटिंग की बात कही थी। अब यह मीटिंग सोमवार को बुला ली गई है।

सभी को चौंकाते हुए चन्नी सरकार के फैसलों से नाराज होकर पंजाब सिद्धू ने 28 सितंबर को कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद सीएम ने कहा था कि बातचीत से मुद्दे सुलझा लेंगे। कांग्रेस ने भी इस्तीफा स्वीकार न करते हुए अपने स्तर पर मामला सुलझाने की बात कही थी।

कल सीएम चन्नी ने कहा था, “मैंने आज सिद्धू साहब से टेलीफोन पर बात की है, पार्टी सर्वोच्च है, सरकार पार्टी की विचारधारा को स्वीकार करती है और उसका पालन करती है। मैंने सिद्धू से कहा कि आप आओ, बैठो और बात करो।” जबकि सिद्धू ने पुलिस महानिदेशक, राज्य के महाधिवक्ता और ‘दागी’ नेताओं की नियुक्ति पर सवाल उठाया था।

पंजाब पुलिस के महानिदेशक का अतिरिक्त प्रभार वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी इकबाल प्रीत सिंह सहोता को दिया गया है। सहोता का स्पष्ट तौर पर जिक्र करते हुए, सिद्धू ने कहा, ‘‘ आज मैंने देखा कि उन मुद्दों पर समझौता हो रहा है।’’ सहोता फरीदकोट में गुरु ग्रन्थ साहिब की बेअदबी की घटनाओं की जांच के लिए तत्कालीन अकाली सरकार द्वारा 2015 में गठित एक विशेष जांच दल के प्रमुख थे।

कैप्टन अमरिंदर सिंह की नाराजगी के बावजूद सिद्धू को कांग्रेस हाईकमान ने 18 जुलाई को प्रदेश पार्टी अध्यक्ष नियुक्त किया था। इस पर भी विवाद खत्म नहीं हुआ जिस परख 18 सितंबर को अमरिंदर सिंह ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद चरणजीत सिंह चन्नी ने 20 सितंबर को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। चन्नी को सिद्धू का करीबी माना जाता है। हालांकि सिद्धू ने चन्नी सरकार के फैसलों से नाराज होकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया जिसके बाद से पंजाब कांग्रेस  पर संकट गहरा गया है। पार्टी के भीतर और बाहर विरोध मुखर होने लगा।

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