54 हजार एलईडी रोशनी से जगमग होंगी ग्रेनो की सड़कें

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-करीब 48 करोड़ रुपये में सूर्या रोशनी लिमिटेड को मिला जिम्मा

-एक साल में सोडियम की जगह लगेंगी नई एलईडी लाइटें का लक्ष्य
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ग्रेटर नोएडा। अब ग्रेटर नोएडा की सड़कें भी एलईडी की दुधिया रोशनी से जगमग हों सकेंगी। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने इस एलईडी स्ट्रीट लाइट परियोजना को अंतिम रूप दे दिया है। टेंडर के जरिए सूर्या रोशनी कंपनी को एलईडी लाइट लगाने का जिम्मा मिला है। कंपनी दिवाली के आसपास इस पर काम शुरू कर देगा। एक साल में 54 हजार स्ट्रीट लाइटें लगा दी जाएंगी।
ग्रेटर नोएडा के सीईओ नरेंद्र भूषण के निर्देश पर एलईडी स्ट्रीट लाइट लगाने के लिए प्राधिकरण ने टेंडर निकाला था। इसमें ज्वाइंट वेंचर के तहत तीन आवेदन आए थे। एक आवेदन यूपीआरएनएन और फिल्प्सि ने किया था। दूसरा आवेदन जेप्टेक व पॉलीकैब और तीसरा आवेदन सूर्या रोशनी लिमिटेड ने किया था। सूर्या ने सबसे कम कीमत पर काम करने के लिए बिड डाली, जिसके आधार पर सूर्या को टेंडर मिला। उसे प्राधिकरण से बहुत जल्द वर्क अवार्ड हो जाएगा। सूर्या कंपनी दिवाली के आसपास इस परियोजना पर काम शुरू कर देगी। दरअसल, ग्रेटर नोएडा में करीब 54 हजार स्ट्रीट लाइटें लगी हुई हैं। इनमें सोडियम लाइटें भी हैं। इन सभी को बदलकर एलईडी में कनवर्ट किया जाएगा। एक साल में सभी स्ट्रीट लाइटें बदल दी जाएंगी। इसके साथ ही सात साल तक इन एलईडी लाइटों के रखरखाव का जिम्मा भी कंपनी पर होगा।
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स्ट्रीट लाइटें खराब हुईं तो जल्द रिपेयर हो सकेंगी
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एलईडी लाइटों के लग जाने से सड़कों पर रोशनी तो बेहतर होगी ही, लोगों के लिए भी सुविधाजनक हो जाएगी। एलईडी स्ट्रीट लाइटें ऑटोमेशन सिस्टम पर लगेंगी। स्ट्रीट लाइटों को सुबह-शाम समय से जलाने-बुझाने के लिए एक नियंत्रण कक्ष होगा। स्ट्रीट लाइटें ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के जीआईएस से जुड़ी होंगी, जिससे स्ट्रीट लाइट न जलने की सूचना ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण तक पहुंच जाएगी। सीनियर अफसर भी इस पर नजर रखेंगे। ऐसे में अगर कहीं पर स्ट्रीट लाइट नहीं जल रही है तो सूचना मिलते ही कंपनी उसे रिपेयर करा देगी। प्राधिकरण ने रिपेयर करने के लिए समयसीमा भी तय कर दी है। अगर रिपेयर करने में देरी हुई तो पेनल्टी का भी प्रावधान है। ऐसे में शहरवासियों को बेहतर सर्विस भी मिल सकेगी।
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ऊर्जा भी बचेगी, बिल भी कम आएगा
-एलईडी स्ट्रीट लाइट लगने से देश की ऊर्जा भी बचेगी और बिजली का बिल भी आएगा। वर्तमान में लगी स्ट्रीट लाइटों से साल भर में करीब 30 मिलियन यूनिट बिजली खर्च होती है। एलईडी लग जाने से 15 मिलियन यूनिट ही खर्च होने का आकलन है। इस तरह पहले के मुकाबले आधी बिजली में ही ग्रेटर नोएडा की सड़कें रोशन रहेंगी। दूसरे, साल भर में करीब 30 करोड़ रुपये बिजली का बिल आता है। उसकी भी बचत होगी, क्योंकि बिजली की खपत कम होने से बिल भी कम आएगा। करीब 15 करोड़ रुपये ही बिल आने का आकलन है। इस तरह करीब 15 करोड़ रुपये की बचत भी होगी। इसके अलावा रखरखाव पर भी कम खर्च आएगा।
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सीईओ का बयान
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-एलईडी लाइटों के लगने से सड़कों पर रोशनी भी बढ़ेगी और ऊर्जा व पैसे की बचत भी होगी। इस पर दिवाली के आसपास काम शुरू हो जाएगा। एक साल में पूरा करने के निर्देश कंपनी को दिए गए हैं।

नरेंद्र भूषण, सीईओ, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण

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