कोरोना के दुष्परिणाम 48 फीसदी छात्र पढ़ना-लिखना भूले-सर्वे
नई दिल्ली। स्कूल चिल्ड्रन ऑनलाइन और ऑफलाइन लर्निंग (स्कूल) सर्वेक्षण-“लॉक्ड आउट: इमरजेंसी रिपोर्ट ऑन स्कूल एजुकेशन” में यह खुलासा हुआ कि ग्रामीण इलाकों में 37 फीसदी तो शहरी इलाकों में 19 फीसदी बच्चे इन दिनों बिलकुल भी पढ़ाई नहीं कर रहे हैं।
शहरी इलाकों के 65 फीसदी तो ग्रामीण इलाकों के 70 फीसदी अभिभावकों का कहना है कि लॉकडाउन के चलते स्कूल बंद होने के बाद उनके बच्चे के पढ़ने लिखने की क्षमता में कमी आई है। इस सर्वे से जुड़े स्वतंत्र शोधकर्ता विपुल पायकरा के मुताबिक “इस सर्वे से पता लगता है कि हालात बेहद गंभीर और चिंताजनक है। ये इस ओर इशारा कर रहा है कि हम सामूहिक निरक्षरता की तरफ जा हैं।”
ये सर्वे अर्थशास्त्री जीन ड्रेज, रितिका खेड़ा, विपुल पायकरा और निराली बखला के निगराणी में 100 से ज्यादा वॉलंटियर्स जिसमें यूनिवर्सिटी के छात्र शामिल थे उनके द्वारा किया गया है। विस्तृत रिपोर्ट आगे जारी किया जाएगा। वहीं इसी रिपोर्ट में बताया गया है कि अजीम प्रेमजी यूनिवर्सिटी और भारत ज्ञान विज्ञान समिति द्वारा भी बच्चों की शिक्षा को लेकर रिपोर्ट तैयार की जा रही है। अगस्त महीने में 15 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में ये सर्वे कराया गया है जिसमें उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र बिहार, पश्चिम बंगाल कर्नाटक जैसे राज्य शामिल है।
ये सर्वे उन बस्तियों के 1362 ऐसे घरों में किया गया जो समाज के वंचित वर्ग से आते हैं और इन घरों के बच्चे सरकारी स्कूलों में एक से आठवीं कक्षा में शिक्षा हासिल करते थे। सर्वे के लिये जिन 1400 घरों को चुना गया उसमें 60 फीसदी ग्रामीण इलाकों में थे और 60 फीसदी लोग दलित आदिवासी समाज से आते हैं।
स्कूल सर्वे 2021 की मुख्य बातें
बच्चे क्या कहते हैं ( प्रतिशत में) शहरी ग्रामीण
लगातार ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे 24 8
बिलकुल नहीं पढ़ रहे 19 37
कुछ शब्द के अलावा नहीं पढ़ पा रहे 42 48
परिवार में स्मार्टफोन 77 51