तालिबान की भारत से पहली बातचीत, क्या हो सकते है दूरगामी परिणाम
नई दिल्ली । तालिबान के भारत की तरफ वार्ता का कदम बढ़ाने और वार्ता की पेशकश के बाद आखिरकार भारत ने भी बातचीत शुरू कर दी है। दोनों के बीच दोहा में पहली बार बातचीत हुई है। ये बातचीत भारत ने अपनी शर्तों पर की है। इस भारत ने दोटूक अपनी बात तालिबान की राजनीतिक शाखा के प्रमुख शेर मोहम्मद अब्बास स्तानिकजई के समक्ष रखी हैं। इस बातचीत के कई मायने हैं। दोनों के बीच हुई इस बातचीत के तीन मुख्य बिंदु थे।
1. आने वाले दिनों में भारतीय नागरिकों की सुरक्षित वापसी,
2. उन अफगान नागरिकों को जो वहां से निकलना चाहते हैं बिना रोकटोक जाने देने इजाजत
3. अफगानिस्तान की भूमि को भारत के खिलाफ इस्तेमाल न होने देना। इन सभी पर फिलहाल स्तानिकजई ने अपनी सहमति भी जता दी है।
तालिबान की पूरी कोशिश है कि भारत किसी भी तरह से उससे बातचीत करे और उसका सहयोग करे। तालिबान ने पहले ही ये साफ कर दिया था कि वो भारत द्वारा चलाए जा रहे विकासकार्यों को जारी रखना चाहता है। इसलिए वो चाहता है कि भारत बिना रोकटोक ये जारी रखे।
गौरतलब है कि भारत ने तालिबान के काबुल पर कब्जे के बाद 16-31 अगस्त के बीच वहां पर रहे करीब 800 लोगों को बाहर निकाला है। इनमें भारतीय नागरिकों के अलावा वहां पर रह रहे सिख और हिंदू शामिल थे। वर्तमान में भारत और तालिबान के बीच जो बातचीत हुई है यदि वो आगे भी जारी रहती है और कुछ सकारात्मक परिणाम सामने आते हैं तो इसके काफी दूरगामी परिणाम भी सामने आ सकते हैं।