नोएडा : SUPERTECH की दो 40 मंजिला इमारतें तोड़ने का आदेश, फ्लैट मालिकों को ब्याज समेत मिलेगा पैसा : सुप्रीम कोर्ट
जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि नोएडा सेक्टर-93 में सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट (Supertech Emerald Court) में लगभग 1,000 फ्लैटों वाले ट्विन टावरों का निर्माण नियमों का उल्लंघन करके किया गया था और सुपरटेक द्वारा इन्हें अपनी लागत पर तीन महीने की अवधि के भीतर तोड़ा जाना चाहिए। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने सुपरटेक को इन ट्विन टावरों के सभी फ्लैट मालिकों को 12% ब्याज के साथ रकम वापस करने का भी आदेश दिया है।
बेंच ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के 2014 के फैसले को बरकरार रखा और सुपरटेक को एक एक्सपर्ट बॉडी की देखरेख में इन टावरों को गिराने का निर्देश दिया। कोर्ट ने कंपनी को दो महीने के भीतर सभी फ्लैट खरीददारों को रक वापस करने के लिए कहा है, इसके अलावा रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन को 2 करोड़ रुपये का भुगतान करने को कहा है, जिसने अवैध निर्माण के खिलाफ लड़ाई का नेतृत्व किया।
कोर्ट ने नोएडा प्राधिकरण को भी नगर निगम और अग्नि सुरक्षा मानदंडों के उल्लंघन में 40-मंजिला टावरों के अवैध निर्माण का मार्ग प्रशस्त करने के लिए बिल्डर के साथ मिलीभगत करने के लिए कड़ी फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा कि नोएडा प्राधिकरण द्वारा अनुमोदित 2009 की मंजूरी योजना अवैध थी क्योंकि इसने न्यूनतम दूरी मानदंड का उल्लंघन किया था और यह कि योजना को फ्लैट खरीददारों की सहमति के बिना भी मंजूरी नहीं दी जा सकती थी।
कोर्ट ने नोएडा प्राधिकरण को भी नगर निगम और अग्नि सुरक्षा मानदंडों के उल्लंघन में 40-मंजिला टावरों के अवैध निर्माण का मार्ग प्रशस्त करने के लिए बिल्डर के साथ मिलीभगत करने के लिए कड़ी फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा कि नोएडा प्राधिकरण द्वारा अनुमोदित 2009 की मंजूरी योजना अवैध थी क्योंकि इसने न्यूनतम दूरी मानदंड का उल्लंघन किया था और यह कि योजना को फ्लैट खरीददारों की सहमति के बिना भी मंजूरी नहीं दी जा सकती थी।
Supreme Court orders demolition of two 40-floor towers built by real estate company Supertech in one of its housing projects in Noida; says construction was a result of the collusion between the officials of the Noida authority and Supertech pic.twitter.com/5Vx3rSmHCd
— ANI (@ANI) August 31, 2021