कोरोना की तीसरी लहर आएगी, लेकिन कितनी घातक होगी, कहना मुश्किल -चंडीगढ़ पीजीआई
कोरोना वायरस पर आई दो रिपोर्टों ने लोगों को उलझन में डाल दिया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से गठित समिति ने अक्तूबर महीने में कोरोना की तीसरी लहर की आशंका जताई है जबकि आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर ने अपने गणितीय मॉडल के आधार पर कहा है कि तीसरी लहर की आशंका न के बराबर है। एक रिपोर्ट डराने वाली तो दूसरी राहत देने वाली। अब सवाल है कि लोग क्या करें। दोनों ही रिपोर्ट पर पीजीआई के विशेषज्ञों से विस्तार से बात की गई।
पीजीआई के स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो. राजेश कुमार का कहना है कि यदि दूसरे देशों पर नजर डालें तो पता चलता है कि कई जगह चौथी और पांचवीं लहर भी आई है। इस हिसाब से भारत में भी तीसरी लहर आने की पूरी आशंका है। देश में अब भी 40 फीसदी ऐसे लोग हैं, जिन्हें कोरोना नहीं हुआ है और करीब 1.6 करोड़ ऐसे लोग हैं जो अपने तय समय में कोरोना की दूसरी डोज नहीं ले पाए हैं। ऐसे में पूरी आशंका है कि ये लोग कोरोना की चपेट में आ सकते हैं।
तीसरी लहर आने की पूरी आशंका है : प्रो. जगतराम
पीजीआई निदेशक प्रो. जगतराम का कहना है कि कोरोना की तीसरी लहर आने की पूरी आशंका है, लेकिन इतना तय है कि इस बार यह दूसरी लहर जितनी खतरनाक नहीं होगी। 30-35 फीसदी ऐसे लोग हैं, जिनमें अभी एंटीबाडीज नहीं बन पाई है, इसलिए खतरा अब भी बरकरार है। तीसरी लहर से निपटने के लिए पीजीआई के साथ चंडीगढ़ स्वास्थ्य विभाग पूरी तैयारी के साथ जुटा है कि आपात स्थितियों से निपटने में इन्फ्रास्ट्रक्चर की कमी आड़े न आए।