चुनावी संधान : यूपी में यात्रा और सम्मेलनों के जरिए जातियों को साधने में जुटी समाजवादी पार्टी
सपा से जुड़े विभिन्न दल और प्रकोष्ठ यात्रा व सम्मेलन के जरिये जातीय गोलबंदी में जुटे हैं। पूर्वांचल में चौहान वोट बैंक के लिए जनवादी पार्टी (सोशलिस्ट), मौर्य-कुशवाहा को लेकर महान दल, ब्राह्मण के लिए सपा का प्रबुद्ध प्रकोष्ठ मैदान में है। वहीं, शिक्षक व महिला सभा भी सम्मेलन शुरू करने जा रही है।
समाजवादी पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ की यात्रा के बाद पार्टी के सहयोगी दल भी यात्रा पर निकल रहे हैं। इसमें कोरोना काल की अव्यवस्था से लेकर महंगाई व किसानों के मुद्दे को उठाया जा रहा है, लेकिन असली मकसद सियासी नजरिये से जातीय गोलबंदी की है। पूर्वांचल के 10 से ज्यादा विधानसभा क्षेत्र में चौहान बिरादरी (नोनिया) निर्णायक भूमिका में है। इन्हें गोलबंद करने के लिए जनवादी पार्टी (सोशलिस्ट) के संस्थापक अध्यक्ष डॉ. संजय सिंह चौहान भाजपा हटाओ, प्रदेश बचाओ जनवादी जनक्रांति यात्रा निकाल रहे हैं। बलिया से 16 अगस्त को शुरू हुई यह यात्रा 31 अगस्त को अयोध्या में समाप्त हो रही है।
केमिस्ट्री से पीएचडी करने के बाद 2007 में डॉ. संजय सिंह चौहान जातीय अस्मिता को मुद्दा बनाकर ही सियासी डगर पर निकले हैं। उनका दावा है कि मऊ जिले की सभी विधानसभा क्षेत्र में उनकी जाति के 50 हजार अधिक वोटर हैं। जबकि गाजीपुर के जखनियां में करीब 70 हजार वोटर हैं। इसी तरह बलिया, देवरिया, कुशीनगर, आजमगढ़, महराजगंज, चंदौली व बहराइच में भी बड़ी संख्या में उनकी बिरादरी है। पूरे प्रदेश में नोनिया आबादी 1.26 फीसदी है।