पूर्वांचल में गंगा हुई विकराल: कई जिलों में खतरे के निशान से ऊपर, तटीय इलाकों से पलायन
वाराणसी में बाढ़ से स्थिति लगातार बिगड़ रही है। गंगा और वरुणा पलट प्रवाह के कारण खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। शहर के निचले और ग्रामीण इलाकों में बाढ़ से हाहाकार मचा है। खतरे के निशान से ऊपर बह रही गंगा का जलस्तर अपने उच्चतम स्तर की तरफ बढ़ रहा है। केंद्रीय जल आयोग के अनुसार बुधवार सुबह सात बजे तक वाराणसी में गंगा का जलस्तर 72.01 मीटर पर था। इसमें एक सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ोत्तरी हो रही है। काशी में गंगा की धारा तबाही मचाने की राह निकल पड़ी है।
केंद्रीय जल आयोग के अनुसार, बुधवार सुबह 8 बजे 72.02 मीटर दर्ज किया गया, जो खतरे के निशान (71.26 मीटर) से 76 सेंटीमीटर ऊपर था। इसके बाद गंगा के जलस्तर में एक सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ाव जारी था। दोपहर 12 बजे गंगा का जलस्तर 72.06, तीन बजे 72.09 और शाम को छह बजे गंगा का जलस्तर 72.12 मीटर तक पहुंच गया।
बलिया में चार मकान धराशायी, 20 गांव पानी से घिरे
बलिया जिले में गंगा का बढ़ाव जारी है और अब तक करीब 20 गांव पूरी तरह बाढ़ के पानी से घिर चुके हैं। गोपालपुर गांव में मंगलवार की रात तीन व बुधवार की सुबह एक मकान कटान की भेंट चढ़ गया। बाढ़ के पानी में डूबने से एक अधेड़ की मौत हो गई। गंगा व सरयू के साथ ही टोंस नदी का भी कहर शुरू हो गया है। गांव घिरते जा रहे हैं। लेकिन प्रशासन की ओर से अभी तक पर्याप्त नाव आदि की व्यवस्था नहीं कि जा सकी है। इसके चलते ग्रामीणों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। कई गांवों का संपर्क मुख्य मार्ग से कट चुका है। उधर, गांवों के पास बाढ़ का पानी भरने के कारण विद्युत विभाग ने सुरक्षा की दृष्टि से बैरिया तहसील क्षेत्र के 35 व सदर तहसील के 10 गांवों की बिजली आपूर्ति बंद कर दी है। विद्युत विभाग के अधिशासी अभियंता चंद्रकेश उपाध्याय ने बताया कि सभी उपकेंद्र प्रभारियों को निर्देश दिया गया है कि जहां भी बाढ़ की स्थिति बने उन गांवों के तारों को खोल दें ताकि कोई बड़ा हादसा न हो सके।