क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी का होगा ‘अपहरण’, लिखी जा चुकी है पटकथा, जानिए कब, कहां और कैसे
क्रिकेट से इतर बार-बार बदलते हेयर स्टाइल और एक से एक बाइक्स के बेड़े को लेकर युवाओं के लिए ये ट्रेंड सेंटर हैं, आइकॉन हैं। हमेशा अपने अंदाज को लेकर चर्चा में रहने वाले धोनी हाल के दिनों में ईजा फार्म में आर्गेनिक खेती, डेयरी, कुत्ते, घोड़े के बाद ताजा हेयर स्टाइल को लेकर चर्चा में हैं।
इधर नई चर्चा धोनी इंटरटेनमेंट की जल्द आने वाली वेब सीरीज को लेकर है। धोनी अब सिल्वर स्क्रिन पर जलवा बिखेरेंगे। कैप्टन कूल के नाम से चर्चित धोनी की पत्नी साक्षी सिंह ने इसका संकेत दिया है। भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान रहे महेंद्र सिंह धोनी ने बीते पिछले साल अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से सन्यास ले लिया। मगर सन्यास के पहले ही नई पारी खेलने की रणनीति बनाई जा रही थी। पिछले साल ही ”धोनी एंटरटेनमेंट” नाम की प्रोडक्शन कंपनी बनाई गई थी। इसी के बैनर तले वेब सीरीज तैयार की जा रही है। उनकी पत्नी साक्षी बीच-बीच में इंस्टाग्राम पर इसका संकेत देती रही हैं। हाल ही उन्होंने बताया कि एक युवा लेखक से उनकी अप्रकाशित किताब के राइट्स हासिल किये गये हैं जिस पर जल्द ही वेब सीरीज तैयार किया जायेगा।
इसी पुस्तक पर बन रही धौनी की वेब सीरीज
रहस्य ही रहस्य और अपहरण
रहस्यमई संग्रीला घाटी, मान सरोवर और कैलाश पर्वत के कुछ हिस्सों के बारे में ऐसी मान्यता है कि विशेष दृष्टि वाले ही इसे देख और वहां जा सकते हैं। वहां उम्र ठहर जाती है। हजारों साल के उम्र के लोग भी वहां युवा की तरह हैं। द हिडेन हिंदू की कहानी भी कुछ उसी अंदाज की है। एमएस धोनी जिनके बारे में कहा जा रहा है कि इस वेब सीरीज में एक अघोरी के मुख्य किरदार के रूप में रहेंगे। हनुमान, अश्वत्थामा, परशुराम जो हिंदू मैथेलॉजी के चिरंजीवि, महामानव हैं वैसे सात लोगों को अघोरी ढूंढ रहा है। अघोरी भी खुद आठवां चिरंजीवि है। इसी बीच महान बैज्ञानिकों ने अघोरी का अपहरण कर लिया। नार्को टेस्ट की भांति नार्कोटिक्स इंजेक्शन और हिप्नोटाइज करके उससे गहन पूछताछ हो रही है। तब अघोरी बताता है कि वह सतयुग से देवभूमि भारत से है। पहलीबार पकड़ाया है। नाम ओम शास्त्री और उम्र चालीस साल। उम्र ठहरी हुई है, बढ़ती ही नहीं। अघोरी सात चिरंजीवियों को ढूंढ रहा है। झूठ नहीं बोल सकता और जो बोल रहा है वो सच नहीं हो सकता। झूठ और सच के बीच अघोरी क्या बोल रहा है। क्या माना जाये और क्या नहीं इन्हीं गुत्थियों के बीच कहानी आगे बढ़ती है।
किताब धोनी से जुड़ा है इसलिए इसकी चर्चा खूब हो रही है। पुस्तक के लिए अक्षत 2014 से ही काम कर रहे थे। तैयार हुई तो प्रकाशक नहीं मिल रहे थे। अलग-अलग प्रोड्यूशर, प्रोडक्शन हाउस का दरवाजा खटखटाया मगर रास्ता नहीं मिला। धोनी इंटरटेनमेंट ने उनकी आवाज सुनी। उसके सीईओ सूरत सिंह को कहानी पसंद आई तब साक्षी भी सामने आईं। उन्हें भी पसंद आई। कोरोना काल के कारण वर्चुअल से संपर्क चलता रहा।
आज के दौर में पढ़ने का रिवाज बहुत कम और देखने का बहुत ज्यादा हो गया है। टीवी चैनलों पर रामायण, महाभारत हो, हैरी पोर्टर या इस तरह की दूसरी पुस्तकें लोगों ने पढ़ी कम देखी बहुत ज्यादा है। ऐसे में अक्षत की वेब सीरीज हिट हुई तो उन्हें भी नया मुकाम हासिल होगा।