एलजी गोलचक्कर समेत ग्रेटर नोएडा के तमाम गोलचक्कर का सौंदर्यीकरण कर होगा कायाकल्प
- और खूबसूरत बनेगा ग्रेनो का एलजी चौक
- कई और रोटरी के लिए निजी संस्थाओं ने बढ़ाए हाथ
- ग्रेनो प्राधिकरण के सीईओ के समक्ष में दिए प्रस्तुतिकरण
ग्रेटर नोएडा। सूरजपुर तिराहे से ग्रेटर नोएडा में प्रवेश करने पर गामा रोटरी तक आपको और भी हरियाली व मेटल की खूबसूरत आकृति देखने को मिल सकती है। निजी सहभागिता से ऐसे कई गोलचक्करों व ग्रीन बेल्ट को और सुंदर बनाने की पहल प्राधिकरण ने की है।
ग्रेटर नोएडा में 50 से अधिक रोटरी बने हुए हैं। इनका रखरखाव प्राधिकरण खुद से भी करता है और अगर कोई निजी संस्था या कंपनी उसे एडॉप्ट करके विकसित करना चाहें तो ले सकती हैं। ऐसे ही कुछ गोलचक्करों को विकसित करने के लिए कंपनियों व संस्थाओं ने हाथ बढ़ाए हैं। सोमवार को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ नरेंद्र भूषण की मौजूदगी में कंपनियों ने ऑनलाइन प्रस्तुतिकरण दिया। एलजी कंपनी ने दुर्गा टाकीज के पास वाले गोलचक्कर से एलजी चौक तक दोनों तरफ की ग्रीनरी और सेंट्रल वर्ज को और हरा-भरा बनाने पर प्रस्तुतिकरण दिया। कंपनी ईकोटेक टू के रोटरी पर मेटल की आकृति भी लगेंगी। इससे रोटरी की खूबसूरती और बढ़ जाएगी।
सीईओ नरेंद्र भूषण ने इस पर सहमति भी दे दी है। इसी तरह रिजर्व पुलिस लाइन से बालक इंटर कॉलेज की तरफ जाने पर पहले रोटरी को टोयोइंक कंपनी ने एडॉप्ट करने का प्रस्ताव दिया है। इस पर भी प्राधिकरण से सहमति बन गई है। कंपनी इसे हरा-भरा बनाने के साथ ही हाथ जोड़कर नमस्ते करते हुए और जापान के प्रसिद्ध होली गेट की तर्ज पर आकृति भी लगाने की बात कही है। जगदीश चंद्रा एजुकेशनल वेलफेयर सोसाइटी सेक्टर 3 की ग्रीन बेल्ट को विकसित करेगी। वहां पर फ्लॉवर बेड के साथ ही घास लगाकर हरा-भरा करेगी। बेंच भी लगाएगी,ताकि लोग बैठकर आराम भी कर सकें। आर्था इंफ्राटेक कंपनी ने टेकजोन फोर के रोटरी को विकसित करने का प्रस्ताव दिया है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ नरेंद्र भूषण ने इन गोलचक्करों को विकसित करने पर मौखिक सहमति दे दी है। कागजी प्रक्रिया पूरी कर इनको हस्तांतरित (हैंडओवर) कर दिया जाएगा। वे शीघ्र काम शुरू कर सकेंगी।
ऑनलाइन प्रस्तुतिकरण में जीएम प्रोजेक्ट ए.के. अरोड़ा, वरिष्ठ प्रबंधक कपिल देव सिंह आदि शामिल रहे। ग्रेटर नोएडा के एक्सपो मार्ट में विश्व स्तरीय आयोजन होते रहते हैं। देश-विदेश से प्रदर्शक यहां आते हैं। इसके आसपास कई नामचीन शिक्षण संस्थान हैं। पास में अग्निशमन व पुलिस स्टेशन भी है। उसके चारों तरफ करीब 1200 मीटर लंबी रोड बनी हुई है। रोड के किनारे हरियाली बढ़ाने के लिए जगह खाली पड़ी थी। सीईओ के निर्देश पर इसे बतौर ग्रीन बेल्ट विकसित करने का प्लान बना। मंगलवार से इस पर काम शुरू हो गया। नरेंद्र भूषण ने खुद मौके पर जाकर बॉटल पॉम पौधे लगाए। इस रोड के चारों ओर राउंड में शीघ्र ही बॉटल पॉम के करीब 300 पौधे लग जाएंगे। इससे हरा-भरा होने के साथ यहां की खूबसूरती भी और बढ़ जाएगी। सीईओ नरेंद्र भूषण ने इसे विकसित करने वाले ठेकेदारों को निर्देश दिए कि जब तक ये पौधे विकसित नहीं हो जाते तब तक हर साल 10 अगस्त को इसकी फोटो उपलब्ध कराएं। इन पर जीआईएस (जियोग्राफिक इनफार्मेशन सिस्टम) के जरिए भी नजर रखी जाएगी। सीईओ ने इस जगह से पानी निकासी का प्लान जल्द बनाकर देने को कहा है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के जीएम प्रोजेक्ट ए.के. अरोड़ा, डीजीपी सीके त्रिपाठी व वरिष्ठ प्रबंधक कपिल देव सिंह ने भी पौधे लगाए।