पाकिस्तान में टूरिस्ट-छात्र वीजा देकर कश्मीरी युवकों को गुलाम कश्मीर दे रहा आतंकवाद की ट्रेनिंग
श्रीनगर। आज जिला पुलिस लाइन राजौरी में पत्रकारों से बातचीत में पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने कहा कि एलओसी पार करना अब मुश्किल हो चुका है। आतंकी संगठन और उनके समर्थक जम्मू-कश्मीर के विभिन्न हिस्सों से युवकों को मजहब के नाम पर गुमराह कर उन्हें आतंकी बनाने में जुटे हुए हैं। इन तत्वों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जा रही है। आतंकियों के ओवरग्राउंड नेटवर्क से जुड़े कई लोगों को पकड़ा गया है। अधिकांश आतंकी कमांडर मारे जा चुके हैं और इस समय बचे-खुचे आतंकियों को मनाेबल पूरी तरह टूट चुका है। वह हताश हो चुके हैं और अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर भाग रहे हैं।
कश्मीर से कई लड़कों द्वारा पासपोर्ट के आधार पर पाकिस्तान जाने और आतंकी बन लौटने की पुष्टि करते हुए उन्होंने कहा कि आतंकी सरगनाओं ने स्थानीय लड़कों को ट्रेनिंग देने का यह नया तरीका निकाला है। वर्ष 2017 के दौरान कश्मीर से करीब 57 लड़के छात्र या फिर टूरिस्ट वीजा लेकर पाकिस्तान और गुलाम कश्मीर गए। यह लड़के वहां आतंकी कैंपों में पहुंच गए। इनमें से 30 लड़के वापस आए ,जिनमें से 17 विभिन्न मुठभेड़ों में मारे जा चुके हैं। इस समय भी जम्मू कश्मीर में 13 ऐसे आतंकी सक्रिय हैं, जो पासपोर्ट लेकर पढ़ाई के लिए पाकिस्तान गए थे और आतंकी बनकर लौटे हैं। शेष इस समय पाकिस्तान में ही हैं, उनकी लगातार निगरानी की जा रही है।
पुलिस महानिदेशक ने कहा कि आतंकियों और उनके समर्थकों के खिलाफ पुलिस के अभियान लगातार जारी हैं। शरारती तत्वों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जा रही है। आज भी पुंछ में सेना की मदद से पुलिस ने हवाला की एक बड़ी राशि पकड़ी है। यह पैसा जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद और अलगाववाद के लिए ही आया था।