वर्तमान महामारी परिदृश्य में प्रभावी ”प्रयोगशाला का महत्व और शिक्षा की गुणवत्ता” पर वेबिनार
गलगोटियाज कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के विज्ञान विभाग ने वर्तमान महामारी परिदृश्य मे प्रयोगशाला का महत्व और शिक्षा की गुणवत्ता पर एक वेबिनार का आयोजन किया। डिपार्टमेंट ऑफ मैटेरियल साइंसेज एंड इंजीनियरिंग आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर कांतेश बलानी और पीजी एंड रिसर्च राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज बांदा के डीन डॉ आशुतोष तिवारी वेबिनार के मुख्य अतिथि रहे। प्रोफेसर कांतेश बलानी ने सभी का हौसला बढ़ाने के लिए लुईस कैरोल की बातों से अपनी प्रस्तुति की शुरुआत की। उन्होंने वर्चुअलाइजेशन के तरीके उसके रिमोट ट्रिगर और नियंत्रण को सीखने के तरीकों की व्याख्या करते हुए बताया कि 12 वीं कक्षा तक छात्रों को कैसे छोटी छोटी बातों को सिखाया जाता है। और फिर वे अंततः जीवन के विभिन्न पहलुओं से जुड़ने के लिए शोध करना शुरू कर देते हैं। अन्य वक्ता डॉ0 आशुतोष तिवारी ने एक बहुत ही संक्षिप्त विवरण देते हुए बताया कि वर्चुअल लैब के लिए डिज़ाइन की गई विशेष साइट पर हम कैसे जा सकते हैं। और भौतिक विज्ञान के प्रयोग से लेकर प्रयोग के परिणाम और उसके ग्राफ़ कैसे प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि वर्चुअल लैब दूरस्थ शिक्षा और प्रयोग के लिए एक वेब सक्षम प्रणाली है। जहां पर कोई भी कभी भी और कहीं पर भी प्रयोग कर सकता है। डॉ0 बिपिन कुमार श्रीवास्तव ने वेबिनार के आयोजक के रूप में बताया कि एक प्रभावी प्रयोगशाला वैचारिक समझ को बढ़ावा दे सकती है। एक प्रयोग के दौरान दृश्य प्रभाव से लेकर अनुभव को बढ़ाने और जो हो रहा है उसकी कल्पना करने की यह क्षमता छात्र के ज्ञान में वृद्धि कर सकती है। डॉ0 बिपिन श्रीवास्तव ने प्रो0 कांतेश बलानी और डॉ0 आशुतोष तिवारी को ई-स्मृति चिन्ह भेंट किया। डॉ0 स्मृति द्विवेदी ने सभी अतिथियों और प्रतिभागियों को कार्यक्रम में भाग लेने के लिए धन्यवाद दिया। इस दौरान जीसीईटी के निदेशक डॉ0 बृजेश सिंह और एप्लाइड साइंसेज के एचओडी डॉ राजेश त्रिपाठी इवेंट की कोऑर्डिनेटर डॉ मोनिका मलिक आदि मौजूद रहे।