14वां फैशन ज्वेलरी ऐंड एक्सेसरीज- आईएफजेएएस 2021 वर्चुअल प्लेटफॉर्म पर 27 जुलाई, 2021 से होगा शुरू
– फ़ैशन व एक्सेसरीज़ सोर्सिंग की चार दिवसीय पेशकशनई दिल्ली
14वां फैशन ज्वेलरी ऐंड एक्सेसरीज शो (आईएफजेएएस 2021) 27 जुलाई से 30 जुलाई 2021 को वर्चुअल प्लेटफॉर्म पर आयोजित किया जाएगा. यहां अपने मौलिक डिजाइनों के साथ फैशन ज्वेलरी व एक्सेसरीज उत्पाद, भारतीय परंपरा और कारीगरी की समृद्ध विरासत को प्रतिबिंबित और प्रदर्शित करेंगे.इस दौरान 150 से अधिक फैशन ज्वेलरी व एक्सेसरीज निर्यातक सदस्य फैशन ज्वैलरी व फैशन एक्सेसरीज की विभिन्न रेंज जैसे फैशन ज्वेलरी, सेमी प्रेशियस ज्वेलरी, स्टोल, स्कार्फ व शॉल, फैशनेबल प्रोटेक्टिव वियर, बेल्ट, वेस्टबैंड और वॉलेट, हैंड बैग, पर्स और पाउच, हेड ऐंड हेयर एक्सेसरीज, हैंटमेड अटायर्स, एम्ब्रॉएडर्ड, बीडेड, सीक्विन एक्सेसरीज, फैंसी फुटवियर, बीड्स, स्टोन ऐंड कंपोनेंट्स, ड्रेसर एक्सेसरीज और देश में उपलब्ध इन उत्पाद खंडों में विभिन्न वस्तुओं की विस्तृत रेंज और अलग अलग डिजाइनों से बने हेड टू टो ऑर्नामेंट्स प्रदर्शित करेंगे.ईपीसीएच अध्यक्ष श्री राज कुमार मल्होत्रा ने कहा कि बीते कुछ दशकों में, भारत ने फैशन व एक्सेसरीज के क्षेत्र में अपनी विशेषज्ञता विकसित की है और अब यह चल रहे प्रचलित फैशन के कपड़ों से मेल खाते एक्सेसरीज की विस्तृत रेंज के प्रमुख निर्यातकों के रूप में सामने आया है.इसे भारतीय निर्यात का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बताते हुए श्री मल्होत्रा ने कहा कि अमेरिका इसका सबसे बड़ा आयातक है, उसके बाद संयुक्त अरब अमीरात और ब्रिटेन हैं और इसमें आगे और विस्तार की जबरदस्त क्षमता है. उन्होंने कहा कि यहां पेश किए जा रहे डिस्प्ले लाइन को निर्माताओं, निर्यातकों और कारीगरों की एक जानकार टीम ने सोच समझकर विकसित और प्रदर्शित किया है और प्रस्तुत किए जा रहे नवीन उत्पाद सामग्रियों, शिल्पों, उनके रूप और फिनिश पर लगातार मिले फीडबैक, रिसर्च और अन्वेषण का नतीजा हैं. इसके बाद उन्होंने बताया, “यहां यह उल्लेखनीय है कि इस महामारी के समय में भी निर्यातकों की विनिर्माण ईकाइयां कोविड से जुड़े मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के साथ पूरी तरह से कार्य कर रही हैं.”ईपीसीएच महानिदेशक डॉ. राकेश कुमार ने इस अवसर पर कहा कि परिषद ने आईएफजेएएस 2021 के 14वें संस्करण को सोशल मीडिया, विदेशों में भारतीय मिशन के अंतरराष्ट्रीय वेब पोर्टल में विज्ञापनों, विदेशों में अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनियों, ई-मेलर्स और भारत में विदेशी दूतावासों/मिशनों के माध्यम से संभावित विदेशी खरीदारों और घरेलू खुदरा खरीदारों को आमंत्रित करने के सभी प्रयास किए हैं ताकि वे आधुनिक डिजाइनों, समकालीन रंगों और नए विकसित उत्पादों के साथ पूरे सामंजस्य में बने भारतीय शिल्प कौशल और कलात्मक फिनिश के बेहतरीन उत्पादों को स्रोत कर सकें.इसके बाद डॉ. कुमार ने जानकारी दी कि अफगानिस्तान, अर्जेंटीना, अरूबा, ऑस्ट्रेलिया, बहरीन, बांग्लादेश, बारबाडोस, ब्राजील, बुल्गारिया, कनाडा, चिली, कोलंबिया, डेनमार्क, इक्वाडोर, फिजी, फ्रांस, जर्मनी, घाना, ग्रीस, ग्वाटेमाला, हांगकांग, इज़राइल, इटली, जापान, कोरिया, लक्जमबर्ग, मैसेडोनिया, मलेशिया, माल्टा, मॉरिटानिया, मॉरिशस, मेक्सिको, मोल्दोवा, मोरक्को, मोजाम्बिक, नीदरलैंड, न्यूजीलैंड, नाइजीरिया, पेरू, पुर्तगाल, रीयूनियन सैन मैरिनो, सऊदी अरब, सिंगापुर, दक्षिण अफ्रीका, स्पेन, श्रीलंका, स्वीडन, स्विट्जरलैंड, ताजिकिस्तान, तंजानिया, संयुक्त अरब अमीरात, ब्रिटेन, अमेरिका, उरुग्वे और वियतनाम समेत 60 से अधिक देशों के खरीदारों और उनके प्रतिनिधियों ने आईएफजेएएस 2021 में आने के लिए अपना रजिस्ट्रेशन कराया है. साथ ही, घरेलू वॉल्यूम के खुदरा खरीदारों की अच्छी संख्या ने शो में आने के लिए पंजीकरण कराया है।ईपीसीएच महानिदेशक ने बताया कि हमेशा की तरह पूर्वोत्तर राज्यों, पश्चिमी क्षेत्र और पूर्वी क्षेत्र के कारीगरों की मेले में भागीदारी होगी और वो यहां इन संबंधित क्षेत्रों के सबसे बेहतरीन फैशन ज्वेलरी और एक्सेसरीज का प्रदर्शन करेंगे. इस शो में सूचनात्मक वेबिनार, मास्टर शिल्पकारों के शिल्प प्रदर्शन भी आयोजित किए जाएंगे और फैशन ज्वेलरी और एक्सेसरीज की कैटेगरी में सर्वश्रेष्ठ डिजाइन और डिस्प्ले स्टैंड के लिए प्रतिष्ठित अजय शंकर मेमोरियल पुरस्कारों के साथ मेले का समापन होगा.ईपीसीएच महानिदेशक डॉ. राकेश कुमार ने बताया कि शो का आयोजन हस्तशिल्प निर्यात संवर्धन परिषद कर रही है जो एक छत के नीचे हस्तशिल्प दुनिया के सबसे बड़े आयोजन आईएचजीएफ- दिल्ली मेले का साल में दो बार आयोजन भी करती है. उन्होंने यह भी सूचित किया कि इस साल आईएचजीएफ दिल्ली मेला ऑटम 2021 के अक्टूबर महीने में आयोजन की संभावना है.ईपीसीएच के महानिदेशक डॉ. राकेश कुमार ने बताया कि वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान हस्तशिल्प का निर्यात 25679.98 करोड़ रुपये (3459.75 मिलियन अमेरिकी डॉलर) का हुआ. इसमें बीते वर्ष की तुलना में रुपये के संदर्भ में 1.62% की वृद्धि और डॉलर के संदर्भ में (-) 2.93% की कमी देखी गई. हालांकि, 2021-22 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) के दौरान फैशन ज्वेलरी व एक्सेसरीज का निर्यात 695.87 करोड़ रुपये (94.32) मिलियन अमेरिकी डॉलर) का हुआ.