UP: नहीं मिलेगा एक संतान वालों को अतिरिक्त प्रोत्साहन, जनसंख्या नियंत्रण कानून पर फिर से मंथन कर रहा विधि आयोग
लखनऊ | उत्तर प्रदेश राज्य विधि आयोग ने भले ही जनसंख्या नियंत्रण को लेकर बन रहे कानून में एक संतान वाले दंपती को अतिरिक्त प्रोत्साहन की सिफारिश की है लेकिन, इस पर आम सहमति नजर नहीं आ रही। इस प्रस्तावित कानून पर ऐसे कई अहम बिंदुओं पर नए सिरे से मंथन होगा। राज्य विधि आयोग को उत्तर प्रदेश जनसंख्यक (नियंत्रण, स्थिरीकरण व कल्याण) विधेयक-2021 के प्रारूप पर आठ हजार से अधिक सुझाव मिले हैं। आयोग के प्रस्तावित प्रारूप में कई बिंदुओं पर छूट का दायरा बढ़ भी सकता है और कुछ कटौतियां भी हो सकती हैं।
उत्तर प्रदेश में जनसंख्या नियंत्रण कानून को लेकर दूसरे राज्यों तक में चर्चा छिड़ी है। इसी कड़ी में विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के कार्याध्यक्ष अध्यक्ष आलोक कुमार ने बीते दिनों विधि आयोग के प्रस्तावित प्रारूप पर सवाल भी उठाया था। उनका कहना था कि केवल एक ही बच्चा पैदा करने वाले दंपती को अधिक लाभ दिए जाने के बिंदु पर दोबारा सोचा जाना चाहिए।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के कुछ अनुषंगिक संगठन की ओर से भी सुझाव भेजे गए हैं। कुछ संगठनों ने दो बच्चों के बजाए कानून को तीन बच्चों की न्यूनमत सीमा के अनुरूप बनाए जाने का सुझाव दिया है। राज्य विधि आयोग अब सभी बिंदुओं पर मंथन करेगा। प्रदेश की जनसंख्या के आंकड़ों का भी अध्ययन किया जा रहा है। कई न्यायमूर्ति के भी सुझाव आने हैं।
वहीं, एक बच्चा ही रखने वाले दंपती को अतिरिक्त लाभ दिए जाने का प्रस्ताव है। बहुविवाह करने वालों को भी इस कानून के दायरे में लाया गया है। अब पक्ष व विपक्ष में आए सुझावों के आधार पर प्रमुख बिंदुओं व आपत्तियों को अलग किया जाएगा, जिसके आधार पर बदलाव पर विमर्श होगा।