डेल्टा वैरिएंट कोरोना : टीके के दोनों डोज लेने वालों को भी किया संक्रमित, चौंकाने वाले हैं आइसीएमआर के ये आंकड़ें
नई दिल्ली। जिन्होंने वैक्सीन की दोनों या एक डोज ली, दूसरी लहर में बड़ी संख्या में वे लोग भी संक्रमित हो गए, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के अध्ययन से साफ हुआ है कि इसके लिए मुख्यतौर पर कोरोना वायरस का डेल्टा वैरिएंट जिम्मेदार है। हालांकि, वैक्सीन लेने वालों को अस्पताल में भर्ती होने की नौबत बहुत कम आई और मौतें भी न के बराबर हुईं।
आइसीएमआर के एक वरिष्ठ विज्ञानी ने बताया कि अध्ययन में महाराष्ट्र, केरल, गुजरात, उत्तराखंड, कर्नाटक, मणिपुर, असम, जम्मू-कश्मीर, छत्तीसगढ़, राजस्थान, मध्य प्रदेश, पंजाब, पुडुचेरी, दिल्ली, बंगाल और तमिलनाडु से कुल 677 ऐसे केस लिए गए, जिन्होंने वैक्सीन की कोई न कोई डोज ले रखी थी। इनमें से 71 ने कोवैक्सीन, 604 ने कोविशील्ड और दो ने चीनी वैक्सीन सिनोफार्म लगवाई थीं। अध्ययन में पाया गया कि वैक्सीन लेने वालों में से 86 फीसद से अधिक संक्रमण डेल्टा वैरिएंट के कारण हुआ है, जिसे भारत में दूसरी लहर के लिए मुख्यतौर पर जिम्मेदार माना जाता है। इसके अलावा कप्पा और अल्फा वैरिएंट भी कुछ मामलों में पाए गए।
दूसरी लहर में सांस लेने में तकलीफ के ज्यादा मामले मिले
यह निष्कर्ष इसीलिए भी अहम है कि दूसरी लहर में अधिकांश संक्रमितों में सांस लेने की शिकायत देखी गई थी और इसी कारण आक्सीजन की किल्लत खड़ी हो गई थी, जबकि वैक्सीन लेने वालों में से सिर्फ छह फीसद में ही सांस लेने की तकलीफ देखने को मिली।