मैक्स के बाद एम्स के अध्ययन में खुलासा: कोरोना से ठीक हुए लोगों में लंबे समय तक मिल रहे लक्षण, जांच और इलाज बेहद जरूरी
कोरोना संक्रमण से ठीक होने के बाद भी लोग पूरी तरह से स्वस्थ्य महसूस नहीं कर रहे हैं। कई लोगों को दोबारा से अस्पतालों में भर्ती होना पड़ रहा है। इन मरीजों में पोस्ट कोविड लक्षण लंबे समय तक देखने को मिल रहे हैं। नई दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के डॉक्टरों ने खुलासा किया है कि अस्पताल में इन दिनों कोरोना निगेटिव होने के बाद अस्वस्थ्य मरीजों की संख्या बढ़ गई है। ओपीडी से लेकर भर्ती होने वाले मरीजों में इनकी काफी सहभागिता दर्ज की जा रही है। लंबे समय तक पोस्ट कोविड से लड़ रहे इनमें से कई मरीज गंभीर स्थिति में भी हैं।
दिल्ली एम्स से पहले हाल ही में मैक्स हेल्थकेयर ने पांच अस्पतालों में अध्ययन में एक साल से भी अधिक समय तक पोस्ट कोविड लक्षण रहने की पुष्टि की थी जिसे अमर उजाला ने सबसे पहले बीते दो जुलाई को प्रकाशित किया था। एम्स के मेडिसिन विभाग के डॉक्टरों ने 1,234 मरीजों पर यह अध्ययन किया है जिसे मेडिकल जर्नल मेडरेक्सिव में प्रकाशित किया गया है।
डॉ. नवीत विग की निगरानी में हुए इस अध्ययन में बताया गया कि 91 दिन तक मरीजों की निगरानी के बाद पता चला कि 40 फीसदी मरीजों में लक्षण खत्म नहीं हुए। इन 495 मरीजों को संक्रमण के बाद भी तकलीफें होती रहीं। हालांकि इस दौरान 18.1 फीसदी यानि 223 मरीज ऐसे भी मिले हैं जिनमें चार सप्ताह के अंदर ही लक्षण समाप्त हो गए। गौर करने वाली बात है कि अध्ययन खत्म होने तक 150 मरीज ऐसे भी मिले जिनमें 12 सप्ताह बाद भी पोस्ट कोविड से जुड़े लक्षण थे। इनमें से 28 मरीज ऐसे थे जिनमें लक्षण 12 सप्ताह से अधिक समय तक रहे।
एम्स के डॉक्टरों का कहना है कि कोरोना से ठीक होने के बाद पोस्ट कोविड में सबसे ज्यादा मरीजों में मांसपेशियों में दर्द (10.9 फीसदी), थकान (5.5 फीसदी), सांस की तकलीफ (6.1 फीसदी), खांसी (2.1 फीसदी) शामिल हैं। इनके अलावा अशांत नींद (1.4 फीसदी), मनोदशा में गड़बड़ी (0.48 फीसदी) और 0.6 फीसदी रोगियों में चिंता एक अहम लक्षण दिखाई दिया। इतना ही नहीं पोस्ट कोविड मरीजों में हाइपोथॉयराडिज्म भी काफी गंभीर मिल रहा है। यह एक ऐसी स्थिति होती है जिसमें थायरायड ग्रन्थि से थायरायड हॉर्मोन का अपर्याप्त उत्पादन होने लगता है। अक्सर महिलाओं में प्रसूति के बाद यह तकलीफ देखने को मिलती है।
पोस्ट कोविड की जांच और इलाज बेहद जरूरी
एम्स के डॉक्टरों ने इस अध्ययन के जरिए सलाह दी है कि पोस्ट कोविड मरीजों की जांच और उपचार बेहद आवश्यक है। दूसरी लहर के दौरान आबादी का बड़ा हिस्सा कोरोना की चपेट में आया है। ऐसे में पोस्ट कोविड से जुड़े मामले भी अधिक होने की आशंका लगाई जा सकती है। इन मरीजों को बेहतर देखभाल और चिकित्सीय निगरानी की आवश्यकता है। खासतौर पर ऐसे मरीज जो मोडरेट या फिर गंभीर स्थिति में जाकर वापस कोरोना निगेटिव हुए हैं। ऐसे मरीजों में पोस्ट कोविड लंबे समय तक दिखाई दे रहा है।