पीएम मोदी की हाईलेवल मीटिंग, सुरक्षा के खतरों से निपटने के लिए जल्द आएगी नई नीति
नई दिल्ली, प्रेट्र। जम्मू में एयर फोर्स बेस पर ड्रोन हमले के मद्देनजर मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के साथ हुई बैठक में देश के सामने उभरते सुरक्षा खतरों और भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए व्यापक आधार वाली नीति तैयार करने पर जोर दिया गया। यह जानकारी इस मामले से जुड़े लोगों ने दी।
विभिन्न मंत्रालय और विभाग इस नीति पर कर रहे हैं काम
ड्रोन हमले के दो दिन बाद हुई इस अहम बैठक के बारे में बैठक में शामिल एक व्यक्ति ने कहा कि सरकार उभरती चुनौतियों से सामूहिक रूप से निपटने के लिए जल्द ही एक नीति लेकर आ रही है। देश के सामने उभर रही नई और गैर-पारंपरिक सुरक्षा चुनौतियों का प्रभावी ढंग से मुकाबला करने के लिए विभिन्न मंत्रालय और विभाग इस नीति पर काम कर रहे हैं। रक्षा मंत्रालय और तीनों सेनाएं, सभी प्रमुख हितधारकों और सुरक्षा एजेंसियों के साथ समन्वय करके नीति के निर्माण के साथ-साथ इसके कार्यान्वयन में अग्रणी भूमिका निभाएंगी।
कई पहलुओं पर हुई चर्चा
यह भी पता चला है कि तीनों सेनाओं को ड्रोन हमलों जैसी नए जमाने की चुनौतियों से प्रभावी ढंग से निपटने और उन्हें नियंत्रित करने के लिए आवश्यक हार्डवेयर की खरीद के लिए दिक्कतों को दूर करने के लिए कहा जा रहा है। बैठक में कई अन्य पहलुओं पर चर्चा हुई। सुरक्षा बलों को आधुनिक उपकरणों से लैस करने, क्षेत्र में अधिक युवाओं, स्टार्ट-अप और रणनीतिक समुदाय को शामिल करने पर भी विचार विमर्श हुआ।
ड्रोनरोधी तकनीकों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए कहा गया
सेना पहले से ही भविष्य की चुनौतियों से निपटने के प्रयासों के तहत आर्टिफीशियल इंटेलीजेंस, कागनिटिव साइंस (मस्तिष्क अध्ययन) रोबोटिक्स, ड्रोन, क्वांटम कंप्यूटिंग, नैनो तकनीक और साइबर क्षमताओं को शामिल करने पर काम कर रही है। जानकारों ने कहा कि नीति पर काम को गति देने के लिए तीनों सेवाओं के साथ-साथ प्रमुख राष्ट्रीय सुरक्षा योजनाकारों की अगले कुछ हफ्तों और महीनों में कई बैठकें होंगी। उन्होंने कहा कि तीनों सेनाओं को पहले ही मानव रहित विमानों के हमलों से निपटने के लिए ड्रोनरोधी तकनीकों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए कहा गया है।