मॉडर्ना कंपनी की कोरोना वैक्सीन को मिल सकती है इस्तेमाल की इजाजत
नई दिल्ली (पीटीआई)। भारत में जल्द ही एक और कोरोना वैक्सीन टीकाकरण अभियान का हिस्सा बन सकती है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि कयास लगाए जा रहे हैं कि ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया की तरफ से मॉडर्ना द्वारा विकसित कोरोना वैक्सीन को इजाजत मिल सकती है। ये वैक्सीन 18 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को लग सकती है। कंपनी ने भारत में इसकी इजाजत औपचारिक रूप से दरवाजा खटखटाया है।
आपको बता दें कि भारत में अब तक केवल तीन वैक्सीन को ही इस्तेमाल की इजाजत मिली है। इसमें भारत में विकसित की गई कोवैक्सीन और कोविशील्ड के अलावा रूस में विकसित की गई स्पूतनिक वैक्सीन भी शामिल है। कहा जा रहा है कि यदि मॉडर्ना वैक्सीन को भी आपात स्थिति में इस्तेमाल की इजाजत मिल जाती है तो भारत का टीकाकरण अभियान तेजी से आगे बढ़ जाएगा। मॉडर्ना की वैक्सीन mRNA तकनीक पर आधारित है।
गौरतलब है कि भारत ने इसी वर्ष जनवरी में अपने यहां पर लोगों का वैक्सीनेशन शुरू किया था। हालांकि, वैक्सीन आपूर्ति में आई कमी की बदौलत बाद में इसमें कुछ कमी जरूर आई है। भारत सरकार न सिर्फ वैक्सीनेशन प्रोग्राम को तेज करने की कोशिश कर रही है,बल्कि वैक्सीन के उत्पादन में इस्तेमाल चीजों के लिए भी अमेरिका समेत अन्य देशों से बात कर रही है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, मॉडर्ना की कोरोना वैक्सीन की दो खुराक के बीच 28 दिनों से 42 दिनों का अंतराल जरूरी है। हालांकि, कुछ देशों ने अपने यहां पर वैक्सीन की कमी और अधिक से अधिक लोगों को वैक्सीन देने के मकसद से इसकी खुराक में 12 सप्ताह का अंतर भी किया है। इस वैक्सीन को यूरोपीय संघ, अमेरिका और स्विटजरलैंड इस्तेमाल की इजाजत दे चुका है।