असम CM बोले, ’29 फीसदी की दर से बढ़ रही मुस्लिम आबादी, रोकने के लिए करेंगे हर उपाय’
गुवाहाटी: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने कहा है कि राज्य सरकार अल्पसंख्यकों की आबादी की वृद्धि धीमी करने के लिए विशेष नीतिगत कदम उठाएगी, जिसका लक्ष्य गरीबी और निरक्षरता का उन्मूलन करना है। राज्य सरकार का प्राथमिक लक्ष्य स्वास्थ्य और शैक्षणिक गतिविधियों का प्रसार करना व इस तरह के कदमों के जरिए मुस्लिम आबादी की वृद्धि पर रोक लगाना है।
सरमा ने कहा कि हालांकि, इस तरह का रुख समुदाय के अंदर से ही आना होगा, क्योंकि जब सरकार बाहर से ऐसा करेगी तो इसका राजनीतिक आधार पर मतलब निकाला जाएगा। मुख्यमंत्री ने जोर देते हुए कहा, ‘यह एक राजनीतिक मुद्दा नहीं है, बल्कि यह हमारी माताओं और बहनों की भलाई के लिए और इन सबसे ऊपर, समुदाय के कल्याण के लिए है।’
‘हिंदू आबादी 10 तो मुस्लिम 29 प्रतिशत दर से बढ़ रही’
उन्होंने दावा किया कि असम अपनी वार्षिक जनसंख्या वृद्धि 1.6 प्रतिशत रखने में कामयाब रहा है लेकिन ‘जब हम सांख्यिकी की तह में जाते हैं तो यह पाते हैं कि मुस्लिम आबादी 29 प्रतिशत की दर (दशकीय) से बढ़ रही है, जबकि हिंदू आबादी 10 प्रतिशत की दर से बढ़ रही।’ सरमा ने कहा कि वह मुस्लिम समुदाय के नेताओं के साथ निरंतर संपर्क में हैं और मुख्यमंत्री समुदाय के अंदर एक तरह का नेतृत्व सृजित करने के लिए अगले महीने कई संगठनों के साथ परामर्श करेंगे।
‘जनसंख्या नियम पालन करने वाले परिवारों को मिलेगा लाभ’
गौरतलब है कि सरमा ने हाल ही में कहा था कि उनकी सरकार दो बच्चों के नियम के साथ एक जनसंख्या नीति लाने की योजना बना रही है। इसका पालन करने वाले परिवारों को खास योजनाओं के तहत लाभ मिलेगा। इस तरह का एक नियम पंचायत चुनाव लड़ने के लिए और राज्य सरकार की नौकरियों के लिए मौजूद है।
‘यह महज संयोग कि अतिक्रमणकारी अल्पसंख्यक हैं’
यह पूछे जाने पर कि राज्य में अतिक्रमणकारियों को हटाए जाने अभियान के दौरान क्या एक खास समुदाय को निशाना बनाया गया है, मुख्यमंत्री ने कहा, ‘ऐसा बाहर से प्रतीत होता है, लेकिन भला कौन वन का अतिक्रमण करने की अनुमति देगा? यह महज संयोग है कि हटाए गए कुछ लोग एक धार्मिक अल्पसंख्यक समुदाय से हैं।’ मुख्यमंत्री के तौर पर अपनी प्राथमिकताओं के बारे में सरमा ने कहा कि बाढ़ और भूमि कटाव जैसी कुछ समस्याएं हैं, जिनका हल अवश्य निकाला जाना चाहिए।