पीएम मोदी के साथ जम्मू-कश्मीर पर से सर्वदलीय बैठक, फारूक अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती और गुलाम नबी आजाद समेत अन्य नेता मौजूद
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवास पर आज जम्मू-कश्मीर के नेताओं के साथ हो रही सर्वदलीय बैठक का एजेंडा सार्वजनिक न किए जाने से स्पष्ट हो गया है कि वार्ता का दायरा सीमित नहीं होगा। सभी अपने दिल की बात खुलकर कह सकेंगे, ताकि जम्मू-कश्मीर में शांति, स्थिरता, सुरक्षा और विकास के स्थायी वातावरण की बहाली का रोडमैप बन सके और राजनीतिक प्रक्रिया को गति दी जा सके। बैठक के लिए जम्मू कश्मीर के 14 नेताओं को बुलाया गया है। इनमें चार पूर्व मुख्यमंत्री डा. फारूक अब्दुल्ला, गुलाम नबी आजाद, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती शामिल हैं।
बैठक से दो तीन दिन पहले पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. फारूक अब्दुल्ला ‘अनुच्छेद 370’ से पहले वाली व्यवस्था को बहाल करने का समर्थन करते हुए दिखाई दिए थे, लेकिन बैठक के दिन उन्होंने कहा, हमें पाकिस्तान के बारे में बात नहीं करनी है बल्कि अपने वतन के बारे में चर्चा करनी है। चूंकि पाकिस्तान से बात करने वाला बयान महबूबा मुफ्ती ने दिया था, इसलिए बैठक शुरू होने से पहले अब्दुल्ला ने उससे किनारा कर लिया।
उन्होंने कहा, महबूबा का पाकिस्तान पर बयान निजी है। इससे उन्हें कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा, हमारा कोई एजेंडा नहीं है। उधर बैठक में फारूख अब्दुल्ला, जो ‘गुपकार’ के अध्यक्ष भी हैं, वे प्रधानमंत्री मोदी के सबसे करीब बैठे थे। उनके साथ दो पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद और महबूबा मुफ्ती बैठे हुए थे। खास बात ये रही कि चार मुख्यमंत्रियों में से एक पूर्व सीएम अलग जगह पर बैठाए गए थे।
प्रधानमंत्री मोदी, जिन्होंने बैठक की अध्यक्षता की, उनके एक तरफ जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और दूसरी ओर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बैठे थे। उसके बाद पूर्व सीएम डॉ. फारुक अब्दुल्ला, गुलाम नबी आजाद और महबूबा मुफ्ती बैठी हुई थीं। चौथे पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला उनके साथ नहीं बैठाए गए। उनके लिए दूसरी जगह पर सीट तय की गई थी। उमर अब्दुल्ला, केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह के साथ बैठे हुए थे।
बैठक के बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर हमला बोला है और कहा है कि जम्मू-कश्मीर से राज्य का दर्जा छीनने से दुनिया भर में देश की बदनामी हुई है। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में जम्मू-कश्मीर को लेकर सर्वदलीय बैठक के विषय की जानकारी नहीं है।
ऐसी रिपोर्ट है कि इस बैठक में जम्मू और कश्मीर के लिए राज्य के दर्जे पर भी चर्चा हो सकती है। इस बीच पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि मुझे नहीं पता कि पहली बार में राज्य का दर्जा हटाने का क्या कारण था। इसके कदम के कारण देश का नाम विश्व स्तर पर कलंकित हुआ। उन्होंने आगे कहा कि जो कोई भी बीजेपी पर सवाल उठाता है वह देशद्रोही हो जाता है। ममता बनर्जी ने कृषि कानूनों को लेकर भी भाजपा पर निशाना साधा और कहा कि किसानों की तीन कानूनों को रद्द करने की मांग “बिल्कुल सही” है।