दिल्ली में खेल यूनिवर्सिटी: केजरीवाल बोले- हमारा बहुत बड़ा सपना पूरा हो रहा है, कर्णम मल्लेश्वरी होंगी पहली कुलपति
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जानकारी दी है कि दिल्ली की स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी जल्द ही शुरू होने वाली है। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि इसकी पहली कुलपति ओलंपिक पदक विजेता कर्णम मल्लेश्वरी होंगी। उन्होंने ट्वीट किया, दिल्ली स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी शुरू हो रही है। हमारा बहुत बड़ा सपना पूरा हुआ। मुझे ये कहते हुए बेहद गर्व है कि ओलंपिक पदक विजेता कर्णम मल्लेश्वरी जी पहली कुलपति होंगी। आज उनके साथ मुलाकात हुई और विस्तार से चर्चा हुई।
दिल्ली स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी शुरू हो रही है। हमारा बहुत बड़ा सपना पूरा हुआ। मुझे ये कहते हुए बेहद गर्व है कि ओलम्पिक पदक विजेता कर्णम मल्लेश्वरी जी पहली कुलपति होंगी। आज उनके साथ मुलाक़ात हुई और विस्तार से चर्चा हुई। pic.twitter.com/h0At7FMe4b
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) June 23, 2021
भारत की पहली महिला वेटलिफ्टर जिसने ओलंपिक में जीता पदक
कर्णम मल्लेश्वरी ने 2000 सिडनी ओलंपिक में वेट लिफ्टिंग में ब्रॉन्ज मेडल जीता था। उनका रिकॉर्ड अब भी बरकरार है, क्योंकि भारत की किसी भी महिला ने ओलंपिक में वेट लिफ्टिंग में मेडल नहीं जीता है। मल्लेश्वरी को 1994 में अर्जुन पुरस्कार और 1999 में राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। वह 1999 में पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित की गईं थीं। मल्लेश्वरी अब एफसीआई में मुख्य महाप्रबंधक के रूप में कार्यरत हैं और परिवार के साथ जगाधरी के सेक्टर 18 में रहती हैं।
वेटलिफ्टर कर्णम मल्लेश्वरी ‘द आयरन लेडी’ के नाम से मशहूर हैं। मल्लेश्वरी ने 25 साल की उम्र में सितंबर 2000 में सिडनी ओलंपिक में कुल 240 किलोग्राम में स्नैच श्रेणी में 110 किलोग्राम और क्लीन एंड जर्क में 130 किलोग्राम भार उठाया और ओलंपिक में पदक (कांस्य) जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनीं। इसके बाद उनकी ऐतिहासिक उपलब्धियों की वजह से उन्हें जनता ने ’द आयरन लेडी’ नाम दिया।
ताकि दिल्ली में हो सके 2048 के ओलंपिक खेल
दिल्ली सरकार ने वर्ष 2021-22 के बजट में दिल्ली में वर्ष 2048 के ओलंपिक खेलों के आयोजन का विजन दिया है। सरकार ने अपने देशभक्ति बजट में खेल को लेकर यह बड़ा सपना देखा है। सरकार का सपना है कि दिल्ली ओलंपिक खेलों की मेजबानी करे। इसके लिए अभी से तैयारी भी शुरू कर दी गई है। राजधानी में खेलों का बुनियादी ढांचा बड़े स्तर पर मजबूत किया जाएगा।
दिल्ली सरकार ने आजादी के सौ वर्ष पूरे होने पर वर्ष 2048 में 39वें ओलंपिक खेलों की मेजबानी का लक्ष्य तय किया है। इससे पहले सरकार का लक्ष्य कम से कम 10 खेल क्षेत्रों में अंतरराष्ट्रीय मेडल विनिंग चैंपियंस तैयार करना है।
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बजट भाषण में कहा था कि 1896 में एथेंस से शुरू होकर अब तक ओलंपिक की मशाल कभी दिल्ली में नहीं आई। अगले 32वें ओलंपिक गेम्स टोकियो में आयोजित होने हैं। इसके बाद के अगले तीन ओलंपिक खेलों के आयोजन के देश तय हो चुके हैं।
वित्तमंत्री ने कहा था कि दिल्ली में खेल प्रतिभाओं को विश्वस्तरीय प्रतियोगिताओं के लिए तैयार करने के लिए स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी बनाई है। इस यूनिवर्सिटी के माध्यम से खेल सुविधाओं और प्रतियोगिताओं को इस स्तर तक लाने का लक्ष्य रखा गया है कि जिससे कि 2048 के 39वें ओलंपिक खेल प्रतियोगिताओं की मेजबानी के लिए आवेदन किया जा सके।
आज आजादी की 75वीं वर्षगांठ पर यह सपना देखना जरूरी है। 2048 दूर लग सकता है, लेकिन इसके लगभग 10 साल पहले इसकी बीडिंग करनी होगी। इससे पहले 15 साल संसाधन तैयार करने, वातावरण बनाने में लगेंगे।