धर्मांतरण रैकेट मामले में UP Police की खुफिया रिपोर्ट से हुए कई बड़े खुलासे, इस तरह चलता था रैकेट
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने मतांतरण के घिनौने खेल का पर्दाफाश किया है। दो आरोपित गिरफ्तार कर लिए गए हैं। पूछताछ में इनके बहुत ही खतरनाक मंसूबे सामने आए हैं। नोएडा सेक्टर-117 स्थित डेफ सोसायटी में पढ़ने वाले मूक-बधिर छात्रों को आरोपितों ने मानव बम के रूप के इस्तेमाल करके भारत सहित पूरी दुनिया को दहलाने की साजिश रची गई थी।
नोएडा स्थित डेफ सोसायटी में पढ़ने वाले छात्र बोलने और सुनने में असमर्थ हैं। इसलिए एक बार मतांतरण होने के बाद छात्रों को बहकाना आसान है। इन छात्रों के माध्यम से आतंकी घटना को अंजाम देने की साजिश रची जा रही थी। मतांतरण के लिए देश में विदेश से भारी-भरकम फंडिंग की जा रही है। मुख्य रूप से यह फंडिंग पाकिस्तान और अरब देशों से होने की बात सामने आई है। साजिश के तहत ही विपुल विजयवर्गीय व कासिफ को गाजियाबाद के डासना देवी मंदिर में भेजा गया था। जांच में इनका देश के कई कट्टरपंथी संगठनों से जुड़ाव उजागर हुआ है। एजेंसियां इनके नेटवर्क की तह तक जाने में जुटी हुई हैं।
मूक-बधिर छात्रों व महिलाओं को बनाया शिकार : नोएडा के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि अब तक कि जांच में सामने आया है कि गिरोह में शामिल लोग मूक बधिर छात्रों व महिलाओं को अपना शिकार बनाते थे। खासतौर से चैरिटेबल ट्रस्ट पर चलने वाले संस्थान के छात्र-छात्राओं को अपना निशाना बनाते थे। नोएडा डेफ सोसायटी का भी संचालन चैरिटी के जरिये मिले धन से हो रहा था। आशंका है कि आरोपितों ने नोएडा डेफ सोसायटी में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं के मतांतरण की साजिश रची।
देश को दहलाने की रची गई थी साजिश : मूकबधिर छात्रों को इसलिए निशाना बनाया कि ऐसे लोग न तो सुन सकते हैं और न ही बोल सकते हैं। एक बार झांसे में आने के बाद छात्रों के मूल धर्म के प्रति दुर्भावना, घृणा पैदा कर एवं इस्लाम धर्म के प्रति विश्वास और पक्का कर उसका मतांतरण कराया जाता है। इसके बाद छात्र अपने मूल धर्म से नफरत करने लगते थे। आशंका है कि आरोपित छात्रों के माध्यम से देश में आतंकी घटना को अंजाम देने की फिराक में थे। छात्रों को मानव बम के रूप में इस्तेमाल करके देश को दहलाने की साजिश रची गई थी।
पाकिस्तान और अरब देशों से हो रही फंडिंग : देश भर में चल रहे मतांतरण के खेल में सुरक्षा एजेंसियों की जांच में अहम जानकारियां निकलकर आ रही हैं। मतांतरण के लिए देश में विदेश से भारी-भरकम फंडिंग की जा रही है। मुख्य रूप से यह फंडिंग पाकिस्तान और अबर देशों से होने की बात सामने आई है। इसके बाद सुरक्षा एजेंसियां देश भर में संदिग्धों के बैंक खाते खंगालने में जुट गईं हैं। खुफिया एजेंसियों के सूत्रों के मुताबिक 100 से अधिक बैंक खाते रडार पर लिए गए हैं। इनमें से करीब तीन दर्जन खातों को खंगाला गया है। हालांकि यह गोपनीय जांच है, इसके चलते जानकारी सार्वजनिक नहीं की जा रही है।
खेल में कई सफेदपोश के जुड़े होने का अंदेशा : विदेशी फंडिंग के साथ कई आतंकी संगठनों से भी फंडिंग हो रही है। मतांतरण के लिए भारी-भरकम रकम कट्टरपंथी संगठनों को भेजी जा रही है। वहीं इस खेल में कई सफेदपोश के जुड़े होने का अंदेशा है। ये लोग पर्दे के पीछे से कट्टरपंथी संगठनों व मतांतरण कराने वाले गिरोह का सहयोग कर रहे हैं। देश भर के विभिन्न हिस्सों में संगठन ने अपने पैर जमाए हुए हैं। साजिश के तहत ही विपुल विजयवर्गीय व कासिफ को डासना देवी मंदिर में भेजा गया था। जांच में विपुल, कासिफ व सलीमुद्दीन का देश के कई कट्टरपंथी संगठनों से जुड़ाव उजागर हुआ है। एजेंसियां इनके नेटवर्क की तह तक जाने में जुटी हुई हैं।