अपने ही राज्यों में अपने बने कांग्रेस का सिरदर्द, राहुल-सोनिया दे पाएंगे दवा?
पंजाब में जारी कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू की कलह अब कांग्रेस आलाकमान तक पहुंच चुकी है। कैप्टन खुद दिल्ली में हैं और आज समिति के सामने पेश होंगे। हालांकि, सिर्फ पंजाब ही अकेला ऐसा राज्य नहीं है जहां कांग्रेस में इतनी सिर-फुटव्वल हो रही है। ऐसे लगभदग आधा दर्जन राज्य हो गए हैं जहां कांग्रेस अपनी अंदरूनी उठापटक में ही उलझकर रह गई है।
बीते दिनों राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट भी दिल्ली आए थे और कर्नाटक चीफ डीके शिवकुमार भी। पायलट जहां अशोक गहलोत के साथ काम करने को राजी नहीं हैं तो वहीं डीके शिवकुमार भी अपने सहयोगी के सिद्धारमैया के समर्थकों से खासा नाराज हैं। पार्टी राज्य इकाई में साइडलाइन होने से नाखुश केरल के पूर्व नेता प्रतिपक्ष रमेश चेनीताला भी बीते हफ्ते राहुल गांधी से मिलकर गए हैं। वहीं, झारखंड में कांग्रेस की महत्वपूर्ण सहयोगी जेएमएम के नेता और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी गांधी परिवार से न मिल पाने के बाद रांची लौट गए हैं। असम में भी कांग्रेस के नवनिर्वाचित विधायक ने बीजेपी का दामन थाम लिया है। कयास ये भी लगाए जा रहे हैं कि अभी और कई विधायक कांग्रेस का दामन छोड़ बीजेपी में जा सकते हैं।
नहीं सुलझ रही पंजाब की कलह
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पार्टी आलाकमान को यह साफ बता दिया है कि वह असंतुष्ट नवजोत सिंह को कोई अहम पद नहीं देंगे। पंजाब को लेकर बनी तीन सदस्यीय समिति के सामने भी अमरिंदर सिंह यह स्पष्ट कर चुक हैं कि वह सिद्धू को न तो डिप्टी सीएम बनाएंगे और न ही प्रदेश अध्यक्ष। माना जा रहा है कि गांधी परिवार सिद्धू के पक्ष में है। हालांकि, कैप्टन भी अपनी बात पर अड़े हैं। कैप्टन एक बार फिर आज दिल्ली में तीन सदस्यों वाली कमेटी से मुलाकात करेंगे।
पिछले साल से जारी है राजस्थान कांग्रेस में रार
राजस्थान कांग्रेस की कलह पिछले साल से ही सबके सामने है, जब पार्टी आलाकमान को खुद हस्तक्षेप कर सचिन पायलट और अशोक गहलोत को मनाना पड़ा था। अशोक गहलोत और सचिन पायल के बीच विवाद एक बार फिर से गहरा गया है। दरअसल, सीएम गहलोत पायलट खेमे के विधायकों को कैबिनेट में जगह नहीं दे रहे हैं। इससे नाखुश पायलट बीते 15 दिनों में दो बार दिल्ली का दौरा कर चुके हैं। हालांकि, गांधी परिवार से उनकी मुलाकात अब तक नहीं हो सकी है।