यूपी में विश्वविद्यालयों में परीक्षाएं 15 अगस्त तक, प्रैक्टिकल नहीं होंगे

प्रदेश के सरकारी व निजी विश्वविद्यालयों में स्नातक व स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों के अंतिम सेमेस्टर की परीक्षाएं 15 अगस्त तक करवाई जाएंगी। प्रैक्टिकल परीक्षाएं नहीं होंगी और लिखित परीक्षा का समय तीन घंटे से घटाकर एक से डेढ़ घंटे रखा जाएगा। ये निर्देश मंगलवार को उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने दिए हैं। 31 अगस्त 2021 तक परीक्षाफल घोषित किया जाएगा। नया सत्र (2021-22) 13 सितम्बर से प्रारम्भ किया जाएगा।
कुलपति करेंगे परीक्षा प्रणाली का सरलीकरण
उन्होंने कहा कि संबंधित विश्वविद्यालय द्वारा परीक्षाओं की तारीखों का निर्धारण किया जाएगा। प्रायोगिक परीक्षाएं नहीं होंगी, उनके अंकों का निर्धारण लिखित परीक्षा के आधार पर होगा। मौखिक परीक्षाएं ऑनलाइन होंगी। परीक्षा एवं प्रश्न पत्र के स्वरूप के लिए संबंधित विश्वविद्यालय के कुलपति-कार्य परिषद को अधिकृत किया गया है। परीक्षा प्रणाली का वे सरलीकरण कर सकेंगे। मसलन वे एक विषय के सभी प्रश्नपत्रों को मिलाकर एक ही प्रश्नपत्र बनाने पर विचार कर सकते हैं। बहुविकल्पीय व ओएमआर आधारित या दीर्घ उत्तरीय प्रश्न पत्र विश्वविद्यालय अपने हिसाब से बना सकेंगे। डा. शर्मा ने कहा कि यदि कोई विवि अपनी परीक्षा ऑनलाइन करवा सकता है तो यह भी विचारणीय होगा। प्रश्न पत्रों के हल करने की समयावधि आधी होने के कारण प्रश्नपत्र का आकार भी छोटा किया जाएगा मसलन 10 की जगह पांच ही प्रश्न पूछे जाएं। कोरोना संक्रमण के कारण यदि कोई छात्र परीक्षा में शामिल नहीं हो पाएगा तो उसे विशेष परीक्षा में शामिल होने का अवसर दिया जाएगा। यह प्राविधान शैक्षणिक सत्र 2020-21 के लिए केवल एक बार लागू होगा। अंकों में सुधार के लिए छात्र 2022 में आयोजित होने वाली बैक पेपर परीक्षा या 2022-23 में आयोजित होने वाली वार्षिक-सेमेस्टर परीक्षा में शामिल हो सकता है।

ये दिशा-निर्देश विश्वविद्यालय में संचालित कला, विज्ञान, वाणिज्य, विधि संकाय व वर्ष 2022-23 में संचालित परास्नातक पाठ्यक्रमों के संदर्भ में हैं। अभियंत्रण एवं प्रबन्धन के स्नातक/परास्नातक पाठ्यक्रमों के संदर्भ में प्राविधिक शिक्षा विभाग निर्देश जारी करेगा।

सेमेस्टर पद्धति के तहत संचालित स्नातक व स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम के लिए-

1- जहां स्नातक प्रथम/तृतीय (विषम) व स्नातकोत्तर प्रथम सेमेस्टर की परीक्षाएं हो चुकीं है वहां स्नातक द्वितीय/चतुर्थ (सम) सेमेस्टर और स्नातकोत्तर द्वितीय सेमेस्टर के अंक प्रथम/तृतीय सेमेस्टर के अंकों और मिड-टर्म/अन्तरिम मूल्यांकन के आधार पर परिणाम निर्धारित होंगे
2- जहां विषम एवं सम सेमेस्टर की परीक्षाएं सम्पन्न नहीं हुई हैं वहां मिड टर्म/अन्तरिक मूल्यांकन के आधार पर परिणाम निर्धारित होंगे
3- यदि स्नातक पंचम सेमेस्टर व स्नातकोत्तर तृतीय सेमेस्टर की परीक्षाएं नही हुई हों, तो अन्तिम सेमेस्टर में प्राप्त अंकों से पूर्व सेमेस्टर के अंक निर्धारित किए जा सकते हैं।
वार्षिक परीक्षा पद्धति के तहत संचालित पाठ्यक्रम
– ऐसे विश्वविद्यालय जहां स्नातक पाठ्यक्रमों के प्रथम वर्ष की परीक्षाएं नहीं हुई हैं, उनके छात्रों को द्वितीय वर्ष में प्रोन्नत किया जाएगा और 2022 में होने वाली उनकी द्वितीय वर्ष की परीक्षा के अंकों के आधार पर उनके प्रथम वर्ष का परिणाम व अंक निर्धारित होंगे।
स्नातक द्वितीय वर्ष के लिए दो व्यवस्थाएं तय की गई हैं। ऐसे विश्वविद्यालय जहां वर्ष 2020 में प्रथम वर्ष की परीक्षाएं हुई थीं, वहां प्रथम वर्ष के अंकों के आधार पर द्वितीय वर्ष के परिणाम व अंक निर्धारित होंगे। छात्रों को तृतीय वर्ष में प्रोन्नत किया जायेगा। ऐसे विश्वविद्यालय जहां वर्ष 2020 में प्रथम वर्ष की परीक्षाएं नहीं हुई थी, उनके द्वारा द्वितीय वर्ष की परीक्षाएं करवाई जाएंगी।
– स्नातकोत्तर पूर्वार्द्ध के छात्रों को उत्तरार्द्ध में प्रोन्नत किया जाएगा। जब वर्ष 2022 में उत्तरार्द्ध की परीक्षाएं आधार पर उन्हें पूर्वार्द्ध वर्ष के अंक निर्धारित किए सकेंगे।

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