Noida Unlock : नोएडा-ग्रेनो में 33 दिन बाद खुले बाजार, रौनक दिखी कम
कोरोना की दूसरी लहर में मरीजों की संख्या 600 से कम होने के बाद सोमवार से बंदिशों से राहत दी गई। पूरे जिले में 33 दिनों बाद बाजारों में दुकानों के शटर उठे और रौनक लौटी। अट्टा, सेक्टर-18, हरौला और सेक्टर-27 इंदिरा मार्केट समेत 500 से अधिक बाजारों में चहल-पहल नजर आई। दुकानदारों का पहला दिन साफ-सफाई में बीता। बाजारों में लोग खरीदारी करने के लिए कम ही पहुंचे।
कोरोना की दूसरी लहर में 4 मई से कोरोना कर्फ्यू लगा दिया गया था। इसके बाद से बाजार बंद थे। सेक्टर-18 मार्केट एसोसिएशन के अध्यक्ष एस.के जैन ने कहा कि बाजारों में अब धीरे-धीरे रौनक बढ़ेगी। सभी दुकानदारों से अपील की गई है कि वे कोविड-19 के नियमों का पालन करें।
शॉपिंग मॉल को खोलने की अनुमति न दिए जाने से लोग निराश थे। उनका कहना था कि सामाजिक दूरी के साथ शॉपिंग मॉल को खोलने की भी अनुमति मिलनी चाहिए।
पुलिस की 100 टीमें गश्त पर रहीं
कोरोना कफ्र्यू समाप्त होने के बाद बाजार खुलने पर पुलिस और प्रशासन की टीमें भी अलर्ट थीं। थाना स्तर पर बनाई गई 100 से अधिक टीमों ने दिनभर बाजारों में गश्त की। इन टीमों ने सुनिश्चित किया कि सभी लोग मास्क लगाएं और सामाजिक दूरी बनाकर रखें। इसके अलावा ट्रैफिक पुलिस द्वारा भी 125 से अधिक स्थानों पर वाहनों की चेकिंग की गई।
कोरोना की दूसरी लहर का असर
कारोबार : पांच हजार करोड़ से अधिक का नुकसान
बाजार विशेषज्ञ राजीव गोयल के अनुसार कोरोना की दूसरी लहर में नोएडा-ग्रेनो के बाजारों को पांच हजार करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ है। इसमें रेडिमेड गारमेंटस के शोरूम, ऑटो मोबाइल इंडस्ट्री, इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम, किराना आदि कारोबार शामिल है।
उद्योग : दस हजार करोड़ से अधिक का झटका
औद्योगिक संगठनों के मुताबिक कोरोना का इस काम में इंडस्ट्रियों का भी दस हजार करोड़ से अधिक का कारोबार प्रभावित हुआ है। उद्यमी समय से न तो ऑर्डर पूरे कर सके और न ही उन्हें नए ऑर्डर मिले। कारीगरों को बिना काम वेतन देना पड़ा।
368 लोगों की जान गई
कोरोना की दूसरी लहर जिले में सबसे भारी रही। पहली लहर में जिले में जहां कोरोना के कारण सिर्फ 91 लोगों की मौत हुई थी, वहीं दूसरी लहर में 368 लोगों की मौत कोरोना के कारण हुई।
हजारों लोग बेरोजगार
कोरोना काल में काम न मिलने के कारण 20 प्रतिशत से अधिक होटल बंद हो गए। जिनमें कार्यरत दस हजार से अधिक लोग बेरोजगार हो गए। अनेक प्रतिष्ठान भी इस दौरान बंद हुए हैं, जिनमें कार्यरत लोग बेरोजगार हो गए। शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े अनेक लोगों को भी नौकरी से हटाया गया है।