भाकियू के प्रदेश अध्यक्ष बोले : फसल नहीं, नस्ल बचाने को हो रहा आंदोलन, कृषि कानून वापस कराकर दम लेंगे किसान
मुजफ्फरनगर के शाहपुर में भाकियू के प्रदेश अध्यक्ष राजबीर सिंह जादौन ने कहा कि सरकार तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने में हठधर्मिता दिखा रही है। उन्होंने कहा कि यह आंदोलन फसल बचाने के लिए नहीं, अपितु नस्ल बचाने के लिए किया जा रहा है।
सोरम में ऐतिहासिक चौपाल पर आयोजित बैठक को संबोधित करते हुए भाकियू के प्रदेश अध्यक्ष राजबीर सिंह जादौन ने कहा कि सोरम गांव एतिहासिक गांव है। सोरम की प्रसिद्ध चौपाल से समाज हित के महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए है। यदि खाप व्यवस्था न होती तो समाज में बदलाव नहीं आता। खाप पंचायतों ने देश व समाजहित के कार्य किए हैं।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि दिल्ली की सीमाओं पर चल रहा किसान आंदोलन किसानों के मान सम्मान की लड़ाई बन गया है। किसान बहादुर कौम है, वह कृषि कानूनों को वापस कराकर ही दम लेगा। उन्होंने किसानों से अधिक से अधिक संख्या में गाजीपुर बॉर्डर कूच करने का आहवान किया।
भाकियू के युवा राष्ट्रीय अध्यक्ष गौरव टिकैत ने कहा कि कृषि कानूनों को वापस कराने को लेकर किसान पिछले छह माह से आंदोलन कर रहा है। इन कानूनों से देश का गन्ना किसान भी प्रभावित होगा। केंद्र की भाजपा सरकार षड्यंत्र रचने के साथ भावनाएं भड़काकर वोट हासिल करती है, किंतु जनता जागरूक हो गई है। अब वह इनके बहकावे में नहीं आएगी।
उन्होंने उपस्थित किसानों से किसान आंदोलन में पहुंचने का आह्वान किया। बैठक को मंडल अध्यक्ष भंवर सिंह गुर्जर , जिलाध्यक्ष धीरज लाटियान , युवा जिलाध्यक्ष सतेंद्र पुंडीर , जिला उपाध्यक्ष बिजेंद्र बालियान , जिला प्रवक्ता नीटू दुल्हेरा , ब्लॉक अध्यक्ष विपिन बालियान , चांदवीर सिंह आदि ने संबोधित किया। अध्यक्षता ब्रह्मसिंह व संचालन मास्टर रामपाल सिंह ने किया। इससे पूर्व, भाकियू नेताओं ने गांव गोयला में भी आयोजित बैठक में भाग लिया।