हरियाणा : बैठक बेनतीजा, टिकैत का धरना जारी, आज प्रदेशभर के थाने घेरेंगे किसान

किसानों पर दर्ज केस वापस लेने और गिरफ्तार किसानों की रिहाई को लेकर चल रहे गतिरोध का शनिवार रात और रविवार को हुई तीन दौर की वार्ता के बाद भी कोई हल नहीं निकल पाया। किसानों की रिहाई को लेकर टिकैत का धरना अभी जारी है। इसके बाद किसान नेताओं ने रविवार दोपहर एलान कर दिया कि सोमवार को हिसार, सिरसा, फतेहाबाद व जींद के किसान टोहाना पहुंचेंगे और यहां थाने का घेराव करेंगे।

 

वहीं अन्य जिलों के किसान अपने क्षेत्र के थानों का घेराव करेंगे। इसके लिए सुबह 11 से 3 बजे तक का समय रखा है। प्रशासन से वार्ता बैठक में किसानों का नेतृत्व योगेंद्र यादव, भाकियू से प्रदेशाध्यक्ष जोगिंद्र नैन कर रहे थे। वहीं प्रशासन की ओर से उपायुक्त डॉ. नरहरि सिंह बांगड़, एसपी राजेश कुमार, एसडीएम गौरव अंतिल व डीएसपी बिरम सिंह मौजूद रहे।

 

आंदोलनकारी किसानों की गिरफ्तारी के विरोध में किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है। जजपा विधायक देवेंद्र बबली ने शनिवार को माफी मांग ली थी। इसके बाद विधायक व किसानों के बीच सुलह हो गई। वहीं किसान दर्ज केस वापस लेने और गिरफ्तार दो किसानों विकास सिसर व रवि आजाद की रिहाई की मांग पर अड़े हुए हैं।

भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत व किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी समेत सैकड़ों किसान शनिवार रातभर टोहाना सदर थाने में धरने पर रहे। रात करीब 2 बजे तक प्रशासन उन्हें मनाने का प्रयास करता रहा। बातचीत भी हुई लेकिन बेनतीजा रही। इसके बाद किसान रात को थाने में ही सो गए।
रविवार दोपहर को फिर से किसान नेताओं व प्रशासन के बीच वार्ता शुरू हुई। रेस्ट हाउस में करीब चार घंटे बैठक चली लेकिन कोई सहमति नहीं बन पाई। इसके बाद किसान नेताओं ने थानों के घेराव का एलान कर दिया। उधर, टोहाना में तनाव को देखते हुए पुलिस की दो कंपनियां व आरपीएफ की सात कंपनियां पुलिस थाने में मौजूद रहीं।

किसान नेताओं की जमानत मंजूर, आज होगी रिहाई
किसान नेता रवि आजाद व विकास सिसर की टोहाना कोर्ट में जमानत याचिका लगाई गई थी। उनके वकील हिमांशु धमीजा ने बताया कि दोनों की जमानत मंजूर हो चुकी है। रविवार को जमानत मुचलका भरना था। दस्तावेज पूरे न होने के कारण मुचलका नहीं भरा जा सका। इसलिए सोमवार को मुचलका दिया जाएगा। सोमवार शाम तक दोनों किसान नेता जेल से बाहर आ जाएंगे।

दोनों किसान नेताओं की रिहाई की मांग को लेकर किसानों ने थाने में धरना शुरू कर दिया। इसके बाद प्रशासन ने शनिवार रात को हमें बातचीत के लिए रेस्ट हाउस में बुलाया। वहां करीब डेढ़ घंटे तक चली बैठक में कोई नतीजा नहीं निकल पाया। अब हम प्रदेश भर में आंदोलन करेंगे। – योगेंद्र यादव, किसान नेता।
हम प्रशासन को झुकाने नहीं आए। हमारी लड़ाई केंद्र सरकार से है। हम प्रशासन व सरकार से लगातार बातचीत कर रहे हैं। प्रदेश के मुख्यमंत्री और गृहमंत्री में तालमेल नहीं है। दोनों अलग-अलग बयान दे रहे हैं। विज मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं। सरकार किसान आंदोलन को दिल्ली से खींचकर प्रदेश के भीतर लाना चाहती है, ताकि किसान दिल्ली को छोड़ दें। वहां भी लड़ाई जारी रहेगी और यहां भी। – राकेश टिकैत, राष्ट्रीय प्रवक्ता, भाकियू।

 

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