कोरोना के चलते अनाथ हुए बच्चों के मामले को स्वत: संज्ञान लिया, राज्यों को तुरंत राहत देने का दिया निर्देश
नई दिल्ली, एजेंसियां। सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना महामारी के चलते अनाथ हुए बच्चों के मामले में शुक्रवार को सुनवाई की। सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों को उन बच्चों को तत्काल राहत प्रदान करने का निर्देश दिया। सुनवाई के दौरान कहा कि कोरोना महामारी ने एक अभूतपूर्व स्थिति पैदा कर दी है। शीर्ष अदालत ने कहा कि बड़ी संख्या में ऐसे बच्चे हैं जो माता-पिता की मौत से अनाथ हो गए हैं।
न्यायमूर्ति एलएन राव और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस की अवकाशकालीन पीठ ने सभी जिलाधिकारियों को शनिवार शाम तक उन बच्चों की पहचान करने को कहा जो मार्च 2020 के बाद से अनाथ हुए हैं। साथ ही शीर्ष अदालत ने उन बच्चों की जानकारियां एनसीपीसीआर की वेबसाइट पर डालने के निर्देश दिए। सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश न्यायमित्र गौरव अग्रवाल की याचिका पर आया है।
याचिका में राज्य सरकारों द्वारा अनाथ बच्चों की पहचान करने और उन्हें तत्काल राहत मुहैया कराने का अनुरोध किया गया है। उल्लेखनीय है कि इस महीने दूसरी बार 24 घंटे में दो लाख से कम 1,86,364 नए मामले सामने आने के बाद देश में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 2,75,55,457 हो गई। आंकड़ों पर नजर दौड़ाएं तो देश में 44 दिन बाद कोरोना संक्रमण के इतने कम नए मामले सामने आए हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से साझा की गई जानकारी के मुताबिक बीते 24 घंटे में संक्रमण से 3,660 लोगों की मौत हो गई है जिसके बाद मरने वालों की संख्या बढ़कर 3,18,895 हो गई है। मौजूदा वक्त में देश में उपचाराधीन मरीजों की संख्या भी कम होकर 23,43,152 हो गई है यह कुल मामलों का 8.50 फीसद है। देश में अब तक कुल 2,48,93,410 लोग संक्रमण को मात दे चुके हैं।