Kisan Andolan: किसान आंदोलन में अब हर कोई नहीं हो सकेगा शामिल, राकेश टिकैत ने किया ‘शर्त’ का एलान
नई दिल्ली/गाजियाबाद। तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों के विरोध में टीकरी, सिंधु और गाजीपुर बॉर्डर पर 6 महीने से अधिक समय से धरना प्रदर्शन जारी है। 26 मई यानी बुधवार को किसान आंदोलन ने 6 महीने पूरे किए हैं। विरोध प्रदर्शन की कड़ी में बृहस्पतिवार को सिंघु, टीकरी और सिंघु बॉर्डर पर काला झंडा लगा कर विरोध कृषि कानूनों का विरोध किया जाएगा। इस बीच किसान आंदोलन में शामिल होने के लिए लोगों का रजिस्ट्रेशन होगा। यूपी गेट पर धरनास्थल के मंच से कृषि कानून विरोधियों को संबोधित करते हुए भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि अब कृषि विरोधी धरने में आने वालों का रजिस्ट्रेशन भी कराना होगा। इसके साथ इशारों-इशारों में केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि आंदोलन को बदनाम करने की साजिश रची जा रही है। यहां आने वाले हर व्यक्ति का रजिस्ट्रेशन किया जाएगा। इसके लिए समिति की ओर से तैयारी की जा रही है। किसान चाहे पंजाब से आए या फिर यूपी अथवा अन्य राज्य से सबको नियमों का पालन करना होगा। ऐसे पारदर्शिता के लिए किया जा रहा है।
बृहस्पतिवार को लगेगा सफेद झंडा
कृषि कानून विरोधियों ने 26 मई को धरना के छह माह पूूरे होने पर यूपी गेट पर काले झंड़े लेकर परिक्रमा करते हुए सरकार विरोधी नारेबाजी की। बृहस्पतिवार को भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत ने सफेद झंडा लहराने की बात की है। उन्होंने आह्वान किया है कि किसान सफेद झंड़ा लगाकर शांति का संदेश दें। बताएं कि हम शांतिपूर्ण आंदोलन के साथ ही वार्ता चाहते हैं, लेकिन नए कृषि कानूनों को वापस लेने तक आंदोलन जारी रहेगा।
खाने की बर्बादी रोकने की योजना
यूपी गेट पर कृषि कानून विरोधियों की तादाद में काफी कमी आई है। ऐसे में यहां जमा खाने का स्टाक रखरखाव के अभाव में बर्बाद हो रहा है। इसे लेकर मंच से भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि खाने की बर्बादी न हो इसके लिए समिति योजना तैयार करेगी, जो भंड़ारण की सही व्यवस्था के साथ ही कहां से कब क्या और कितना मंगाना है। यह तय किया जाएगा। ताकि खाने की बर्बादी न हो।
घर जाएं तो 15 दिन रहें क्वारंटाइन
भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि किसान आंदोलन को कोरोना का नाम देकर बदनाम किया जा रहा है। ऐसे में धरना स्थल से जाने वाला अपने गांव और घर पर 15 दिन तक क्वारंटाइन रहे और यहां भी 15 दिन के लिए आए, ताकि किसी को अंगुली उठाने का कोई मौका न मिले।