12वीं बोर्ड परीक्षा: ओएमआर शीट पर वैकल्पिक और छोटे प्रश्नों का विकल्प संभव, स्कूल में ही होगी आंसर-कॉपी की जांच
सीबीएसई बोर्ड की 12वीं कक्षा की परीक्षा में पारंपरिक आंसर-शीट की बजाय ओएमआर शीट पर उत्तर लिखने का विकल्प देने जा रहा है। ओएमआर शीट में छात्रों को वैकल्पिक प्रश्न और छोटे प्रश्नों के उत्तर देने होंगे। इस ओएमआर शीट पर छात्र सही उत्तर के आगे पेन अथवा पेंसिल से टिक कर सकेंगे। खास बात यह है कि छात्र को अपने ही स्कूल में परीक्षा देने का मौका मिलेगा। इसके अलावा उसी स्कूल में आसंर-कॉपी जांची जाएगी। परीक्षा को फुलप्रूफ बनाने के लिए सीबीएसई बोर्ड आईआईटी द्वारा तैयार रोबोटिक ऐप का प्रयोग करेगा। हालांकि, इस योजना के तहत परीक्षा आयोजित करने पर अभी अंतिम फैसला होना बाकी है।
सूत्रों के मुताबिक, अधिकतर राज्यों ने 12वीं बोर्ड परीक्षा आयोजित करवाने पर हामी भरी है। हालांकि, वे जानना चाहते थे कि सीबीएसई बोर्ड ने 12वीं कक्षा की परीक्षा के लिए किस प्रकार की योजना तैयार की है। इसलिए दो प्रस्ताव तैयार किए गए थे। कोरोना संक्रमण के चलते बोर्ड अपने दूसरे प्रस्ताव के तहत ही परीक्षा आयोजित करना चाहता है। इसमें 45 दिन में पूरी परीक्षा आयोजित हो जाएगी। जिन राज्यों में संक्रमण दर कम है, वहां पहले चरण के तहत 15 से 30 जुलाई तक परीक्षा आयोजित होगी। स्कूलों में इसकी तैयारी एक से 10 जुलाई तक चलेगी। जबकि जहां पर संक्रमण दर अधिक और यदि कोई छात्र कोरोना के चलते परीक्षा देने की स्थिति में नहीं होगा, उसे दूसरे चरण यानी अगस्त के पहले हफ्ते से तीसरे हफ्ते तक चलने वाली परीक्षा में शामिल होने का मौका मिलेगा।
60 से 70 फीसदी पाठ्यक्रम से वैकल्पिक और छोटे प्रश्न
60 से 70 फीसदी वर्तमान पाठ्यक्रम के तहत वैकल्पिक और छोटे प्रश्न पूछे जाएंगे। इसके अलावा अन्य सामान्य प्रश्न होंगे। डेढ़ घंटे यानी 90 मिनट की परीक्षा को ध्यान में रखकर बोर्ड का पूरा फोकस 60 से 70 फीसदी वाले वैकल्पिक और छोटे प्रश्न पर आधारित प्रश्न पत्र तैयार करने पर रहेगा। यह ओएमआर शीट पर लिया जाएगा।
स्कूल ही जांचेंगे उत्तर-पुस्तिका
छात्र के स्कूल को ही परीक्षा केंद्र बनाया जाएगा। इसका फायदा यह होगा कि छात्र को दूर-दूर बिठाने में मदद मिलेगी। क्योंकि स्कूल बंद हैं। स्कूलों के आसपास ही छात्र का घर होता है। इससे उसे परीक्षा देने के लिए अधिक दूर नहीं जाना होगा। इसके अलावा स्कूल ही उत्तर-पुस्तिका जांचेंगे। हालांकि छात्र के स्कूल में आयोजित होने वाली परीक्षा में नकल और शिक्षक-छात्र के बीच कम से कम संपर्क स्थापित करने के मकसद से रोबोटिक ऐप का प्रयोग किया जाएगा।