कोरोना वैक्सीन: जानिए हाथ में क्यों लगाया जा रहा है टीका
कोरोना टीके की दोनों डोज हाथ में क्यों लग रहे हैं। आखिर हाथ में ऐसा क्या होता है जिसके कारण टीका वहीं लगाया जाता है। अमेरिका के परड्यू यूनिवर्सिटी में नर्सिंग की एसोसिएट प्रोफेसर का कहना है कि कंधे के पास आपकी मांसपेशी मजबूत होती हैं और उसके आसपास इम्यून सेल्स होती है जो टीका लगाने के लिए शरीर का सबसे उपयुक्त स्थान होता है और वायरस से अधिक मिलता है। वह शरीर को सक्रिय कर देता है जिससे शरीर में वायरस के खिलाफ शुरू होती है।
लिंफनोड्स की हम भूमिका
मांसपेशी में मौजूद इम्यून सेल्स वैक्सीन में मौजूद एंटीजन को लिंफनोड्स तक लेकर जाता है। मांसपेशी में टीका लगने के बाद वह दूसरी उन कोशिकाओं को अलर्ट करता है और उन्हें कार्य करने के लिए प्रेरित करता है। लिंफनोड्स इम्यून सिस्टम का अहम भाग है जहां बड़ी मात्रा में कोशिकाएं होती हैं। यह वैक्सीन में मौजूद एंटीजन को पहचान कर शरीर के इन प्रक्रिया को एंटीबॉडीज बनाने के लिए सक्रिय कर देती है।
जब टीका सही जगह नहीं लगे तो
विशेषज्ञों का कहना है कि टीका अगर सही मांसपेशी में नहीं लगेगा तो वहां सूजन आने की संभावना बढ़ जाती है। अगर कोई टीका फैट कोशिका में लगे तो बेचैनी, सूजन का खतरा अधिक होता है। क्योंकि फैट टिशू में रक्त का संचार ठीक नहीं होता है। इस कारण संभव है कि शरीर में पूरी और पर्याप्त मात्रा में टीका न जा पाए। यह भी हो सकता है कि टीका उतना सरदार न हो जितना असरदार वो है।
कहां लगेगा टीका, इस आधार पर चुनाव
वैक्सीन कहां लगना है इसका चुनाव मांसपेशी के आकार पर निर्भर करता है। वयस्क और 3 साल से अधिक उम्र के बच्चों को टीका हाथ के ऊपरी हिस्से की मांसपेशी में लगता है। छोटे बच्चों को टीका जांघ के बीच में लगाया जाता है, क्योंकि छोटे बच्चों के हाथ की मांसपेशी कमजोर और छोटी होती है।