जिसे मृत मानकर अंतिम संस्कार कर दिया गया, वह नौ दिन बाद जिंदा लौटा, भूत समझकर भागा बेटा
राजसमंद जिले में बड़ी अजीबोगरीब समस्या सामने आई है। जिसे औंकार मानकर उसके परिजनों ने अंतिम संस्कार कर दिया था, वह नौ दिन बाद जिंदा लौट आया। अब पुलिस प्रशासन निरुत्तर है कि आखिर वह कौन था? लावारिस मिले शव का पोस्टमार्टम तक नहीं कराया गया और ना ही विसरा रखा गया।मामला राजसमंद जिला मुख्यालय का है, जहां गाड़ोलिया लुहारों के परिवार रोड किनारे बरसों से रहते हैं।
इसी बस्ती में औंकारलाल गाड़ोलिया परिवार के साथ रहता है। दस दिन पहले बारह मई को पुलिस को रोड किनारे लावारिश शव मिला था। जिसका फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। औंकारलाल के छोटे भाई नाना लाल ने तीन दिन बाद उसकी पहचान अपने बड़े भाई के रूप में की। पुलिस ने बिना पोस्टमार्टम के ही शव नानालाल के हवाले कर दिया तथा परिजनों ने पंद्रह मई को परम्परागत तरीके से उसका अंतिम संस्कार कर दिया। औंकारलाल के तीनों बेटों ने परम्परा के अनुसार मुण्डन करा लिया। अंतिम संस्कार के नौ दिन बाद अचानक औंकारलाल घर लौटा तो सबसे छोटा बेटा उन्हें देखकर डर गया और भाग गया। पत्नी ने औंकारलाल को पहचान लिया तथा नहलाने के बाद नए कपड़े पहनाए। औंकारलाल को जिंदा देख परिजनों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। इधर, राजसमंद पुलिस ने सफाई देते हुए बताया कि परिजनों के आग्रह पर शव का पोस्टमार्टम नहीं कराया गया। अब फोटो ही उसकी शिनाख्ती का आधार है, जिसके प्रयास किए जा रहे हैं।
बताया उदयपुर के एमबी अस्पताल में भर्ती था
औंकारलाल ने बताया कि वह बारह मई को उदयपुर गया था। वहां तबियत खराब होने पर उसने खुद को महाराणा भूपाल चिकित्सालय में दिखाया था। अधिक शराब पीने के चलते उसके लीवर की बीमारी थी। वहां उसे अस्पताल में भर्ती कर लिया गया था। स्वस्थ्य होने पर उसे वहां से छुट्टी मिली और घर लौटा तो देखा कि उसकी तस्वीर के सामने माला लगी हुई थी। तीनों बेटे मुण्डन करा चुके थे और छोटा बेटा उन्हें भूत समझकर भाग निकला।