कोरोना की तीसरी लहर को लेकर शारदा अस्पताल तैयार, दूसरों को भी देंगे प्रशिक्षण
कोरोना वायरस की तीसरी लहर की आशंकाओं के बीच जिले का सबसे बडा शारदा अस्पताल ने बड़े पैमाने पर तैयारियां शुरू कर दी हैं। चेयरमैन पी के गुप्ता के आदेश पर टास्क फोर्स का गठन करने के साथ ही चिकित्सा सुविधा बढ़ाने का भी इंतजाम किया गया है। इतना ही नहीं बच्चों की देखभाल, उनकी दवाई, सफाई व्यवस्था को लेकर शारदा अस्पताल प्रबंधन जिले के उन तमाम डाॅक्टर्स, नर्स और पैरा मेडिकल स्टाफ को फ्री में वर्चुअल प्रशिक्षण देगा जो बच्चों के इलाज से जुडे रहेंगे। इस दौरान उन्हें बताया जाएगा कि कैसे और किस तरह से नौनिहालों से लेकर टोलडर्स की देखभाल करनी है।
शारदा अस्पताल के चेयरमैन पी के गुप्ता ने बताया कि कोरोना की दो लहरों को हमने करीब से देखा है। इस दौरान लोगों को कई तरह की कठिनाइयों से गुजरना पडा। कभी ऑक्सिजन की दिक्कत तो दवाओं की किल्लत। इससे सीख लेते हुए हमने बच्चों की देखभाल करने के लिए खास योजना बनाई है। हमारे अस्पताल में आॅक्सिजन से लेकर बेड, नीकू वाॅर्ड, आईसीयू, सामान्य वाॅर्ड आदि को तैयार रखा जा रहा है। हमारे कैंपस में मेडिकल काॅलेज है, लिहाजा हमलोगों की जिम्मेदारी भी बडी हो जाती है। इसी सामाजिक जिम्मेदारी को देखते हुए हमने फ्री में सरकारी से लेकर गैर सरकारी, नर्सिंग होम, निजी अस्पताल आदि के डाॅक्टरों, नर्स और पैरा मेडिकल स्टाफ को विशेष ऑनलाइन प्रशिक्षण देने का फैसला लिया है।
अस्पताल के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डाॅ आशुतोष निरंजन ने बताया कि संभावित तीसरी को देखते हुए मेडिकल एक्सपर्ट और स्टाफ की भूमिका बढ जाती है। बच्चों का मामला थोडा संवेदनशील होता है। ऐसे में हमलोग प्रशिक्षण के जरिए नर्सों को बताएंगे कि किस तरह से दवा देनी है। दवा की डोज कितनी होनी चाहिए। चूंकि बच्चों की दवा बनाकर रखनी पडती है ऐसे में यह जरूरी होता है कि उसका रखरखाव, तापमान और क्वांटिटी का खास ख्याल रखा जाए।बच्चों में किस तरह का सिम्टम्स है, लक्षण क्या हैं और लाइन आॅफ टीटमेंट क्या होना चाहिए यह बातें काफी मायने रखती हैं, इसी से उनको रूबरू कराया जाएगा। जो बच्चे होम आईसोलेशन में होंगे, उनको कैसा उपचार देना है इस बारे में भी बताया जाएगा। पैरा मेडिकल स्टाफ की भूमिका भी काफी महत्वपूर्ण रहती है। बच्चों को टाॅयलेट ले जाने, उनकी साफ सफाई, टेस्ट कराने में किस तरह का सहयोग हो इन बातों से उन्हें प्रशिक्षित किया जाएगा। इसके साथ ही सफाई कर्मचारियों को भी यह बताया जाएगा कि बच्चे गंदगी ज्यादा करते हैं, ऐेसे में उन्हें किन बातों का खास ध्यान रखना है। यह कुछ जरूरी बातें हैं, जिनका जानना सभी के लिए जरूरी है। हमलोग आॅनलाइन प्रशिक्षण के अलावा कोविड प्रोटोकाॅल को देखते हुए चुनिंदा लोगों को जरूरी होने पर फिजिकल टेनिंग भी दे सकते हैं। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि जिन बच्चों की मां कोविड पाॅजिटिव नहीं हैं, उन्हें भी रखना है; उन्हें कहां रखा जाएगा इसको लेकर भी ब्लू प्रिंट तैयार किया जा रहा है; हमारे कैंपस में ही ऑक्सिजन का प्लांट लगा है, जिसका तीसरी लहर की स्थिति में उपयोग किया जाएगा। पीडिएट्रिक्स वार्ड और वेंटिलेटर बेड की व्यवस्था सुनिश्चित करने का प्रयास किया जा रहा है। पीडिएट्रिक्स के सीनियर व जूनियर डाॅक्टर्स के अलावा रेसिडेंट डाॅक्टर्स के साथ ही चिकित्सकीय उपकरण, लॉजिस्टिक आदि की व्यवस्था की जा रही है ताकि किसी भी आपात स्थिति से आसानी से निपटा जा सके। दूसरी लहर में यहां की अत्याधुनिक सुविधाओं को देखते हुए प्रशासन की ओर से 720 बेड रिजर्व रखे गए थे।हमलोग सामान्य कोविड वाॅर्ड से भी बच्चों के लिए बेड आरक्षित कर सकेंगे।