अंतिम चरण के चुनाव में आयोग के सामने होंगी कई बड़ी चुनौतियां, कोरोना से बिगड़ते हालात के बीच पड़ेंगे वोट

कोलकाता। 29 अप्रैल को बंगाल में आठवें व अंतिम चरण का मतदान है। इस चरण में मालदा, मुर्शिदाबाद, बीरभूम व उत्तर कोलकाता की कुल 35 सीटों के लिए चुनाव होना है। अंतिम चरण कई लिहाज से चुनाव आयोग के लिए चुनौतीपूर्ण साबित होने वाला है। एक ओर कोरोना महामारी से बिगड़ते हालात हैं, तो दूसरी ओर बांग्लादेश की सीमा से लगते मालदा व मुर्शिदाबाद जिले के विभिन्न संवेदनशील विधानसभा क्षेत्र हैं। इसके अलावा बीरभूम जिला भी बेहद संवेदनशील है।

पूर्व में इन क्षेत्रों में चुनाव के दौरान खूब हिंसा देखी गई है। साथ ही राजनीतिक हिंसा के लिए भी ये तीनों जिले बदनाम रहा है। हालांकि इसकी पुनरावृत्ति से बचने के लिए चुनाव आयोग विशेष एहतियाती कदम उठा रहा है और सैकड़ों की संख्या में केंद्रीय बलों की पहले से इन जिलों में तैनाती की है। लेकिन बावजूद इसके यहां शांतिपूर्ण चुनाव संपन्न कराना आयोग के लिए एक बड़ी चुनौती है।

इस चरण में जिन सीटों पर मतदान होना है उनमें सीमावर्ती मालदा के इंग्लिश बाजार, मानिकचक, सूजापुर, वैष्णव नगर के अलावा मुर्शिदाबाद के रेजीनगर, बेलडांगा, बहरमपुर, डोमकल, जलंगी जैसे कुछ संवेदनशील विधानसभा क्षेत्र हैं जिनकी सीमाएं बांग्लादेश से लगती है। सीमा के दोनों तरफ यहां मुस्लिमों की बड़ी आबादी है। साथ ही इस क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय सीमा के बड़े क्षेत्र में अब तक बाड़ (फेंसिंग) नहीं लगी है, जिसके चलते आपराधिक तत्वों को इस पार से उस पार आने जाने में आसानी होती है। यह क्षेत्र लंबे समय से तस्करी व आपराधिक क्रियाकलापों के लिए भी कुख्यात रहा है।

मुर्शिदाबाद जिले के सीमावर्ती क्षेत्र से कुछ माह पहले अलकायदा के आधा दर्जन से ज्यादा आतंकियों की भी गिरफ्तारी हो चुकी है। हालांकि इस सब को देखते हुए भारत-बांग्लादेश सीमा पर इस समय बीएसएफ भी कड़ी सतर्कता बरत रही है।लेकिन तमाम एहतियात के बावजूद इस क्षेत्र में शांतिपूर्ण चुनाव एक बड़ी चुनौती है।

दूसरी तरफ बीरभूम जिला भी पिछले कुछ वर्षों से राजनीतिक हिंसा के लिए सुर्खियों में रहा है। जिले की सभी 11 सीटों पर इस चरण में चुनाव होना है। फिलहाल इन सभी सीटों पर सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस का कब्जा है, लेकिन इस बार उसे भाजपा से कड़ी चुनौती मिल रही है।

आयोग पर कोरोना फैलाने का आरोप लगा रही तृणमूल

इधर, तृणमूल कांग्रेस, चुनाव आयोग व भाजपा पर कोरोना फैलाने का लगातार आरोप लगा रही है। हालांकि चुनाव आयोग की ओर से साफ किया गया है कि मतदान के दौरान संक्रमण से बचाव के लिए समुचित प्रबंध किए जा रहे हैं और लोगों को लोकतंत्र के जरिए मिले मताधिकार का प्रयोग जरूर करना चाहिए। आयोग का दावा है कि मतदान केंद्रों पर मतदाताओं को सैनिटाइजर व हैंड ग्लव्स भी दिए जा रहे हैं। दरअसल, अब एक ही चरण का चुनाव बचा है ऐसे में आयोग भी कोई जोखिम नहीं उठाना चाहता। ऐसे में पूरी कोशिश है कि किसी तरह अंतिम चरण शांतिपूर्वक निकल जाए।

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