कार्यकाल के आखिरी दिन जस्टिस बोबडे ने केंद्र को फटकारा, कहा- ऑक्सीजन की कमी से मर रहे लोग
देश में कोरोना की स्थिति को देखते हुए आज सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर स्वतः संज्ञान लेते हुए सुनवाई की। मुख्य न्यायधीश के तौर पर अपने कार्यकाल के आखिरी दिन एसए बोबडे ने सरकार पर सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि ऑक्सीजन की कमी की वजह से लोग मर रहे हैं। हालांकि इस मामले को 27 अप्रैल यानी मंगलवार तक स्थगित कर दिया है।
इस मामले पर तीन न्यायमूर्तियों की बेंच ने सुनवाई की, जिसकी अध्यक्षता सीजेआई बोबडे ने की। सुनवाई शुरू होते ही मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे ने कहा कि देश में ऑक्सीजन की कमी से लोग मर रहे हैं। बता दें कि एसए बोबडे ने आज सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की कुर्सी से रिटायर हो रहे हैं।
एसए बोबडे सुप्रीम कोर्ट के इतिहास में पहले ऐसे न्यायाधीश होंगे, जिनके कार्यकाल का ज्यादातर हिस्सा कोविड लॉकडाउन और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई में चला गया। एसए बोबडे ने अपने 14 माह के कार्यकाल में मात्र 90 दिन ही फिजिकल सुनवाई कर पाए।
इससे पहले गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि ऑक्सीजन की आपूर्ति और कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए आवश्यक दवाओं समेत अन्य मुद्दों पर नेशनल प्लान चाहता है। मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे, न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति एस आर भट की तीन सदस्यीय पीठ ने देश में कोरोना की गंभीर स्थिति पर स्वतः संज्ञान लेते हुए कहा कि देश में कोविड-19 टीकाकरण से जुड़े हर मुद्दे पर विचार करेगी।
इसके अलावा पीठ ने कहा कि वैश्विक महामारी के बीच लॉकडाउन घोषित करने की उच्च न्यायालयों की शक्ति से जुड़े पहलू का भी आकलन किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने स्वतः संज्ञान की कार्यवाही में उसकी मदद के लिए वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे को न्यायमित्र नियुक्त किया है।