सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना संबंधी स्थिति को नेशनल इमरजेंसी बताया, आज होगी सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने देश में कोविड-19 से संबंधित स्थिति को गुरुवार को राष्ट्रीय आपातकाल करार दिया। हजारों टन ऑक्सीजन के उत्पादन तथा रोगियों के लिए इसकी नि:शुल्क आपूर्ति जैसे आधार पर तमिलनाडु में स्टरलाइट कॉपर संयंत्र को खोलने के वेदांता समूह के आग्रह पर सुनवाई को सहमत हो गया, जिस पर आज सुनवाई होगी।
मुख्य न्यायाधीश एस ए बोबडे की पीठ ने तमिलनाडु सरकार की आपत्ति को नहीं माना जिसने शुरू में वेदांता की याचिका पर सोमवार को सुनवाई करने और इसे खोले जाने का विभिन्न आधारों पर विरोध किया तथा यह भी कहा कि शीर्ष अदालत इस तरह के आग्रह को पूर्व में खारिज कर चुकी है। पीठ ने कहा, हम सुनिश्चित करेंगे कि संयंत्र सभी पर्यावरण नियमों का पालन करे। इसकी ऑक्सीजन उत्पादन इकाई को काम करने की अनुमति दी जाएगी। हम ऑक्सीजन संयंत्र के मुद्दे पर हैं।
पीठ ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई सुनवाई में कहा, देश में लगभग राष्ट्रीय आपातकाल है। आप (तमिलनाडु सरकार) समाधान की बात नहीं करते। हम इसपर (वेदांता की याचिका) शुक्रवार को सुनवाई करेंगे। बता दें कि कोर्ट ने केंद्र सरकार से चार बिंदुओं पर जवाब मांगा है। केंद्र ने कहा है कि सरकार ऑक्सीजन सप्लाई, जरूरी जवाओं की सप्लाई, टीकाकरण की प्रक्रिया और लॉकडाउन लगाने का अधिकार सिर्फ राज्य सरकार को हो, कोर्ट को नहीं…इनपर जवाब दे।
केंद्र की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, देश को ऑक्सीजन की अत्यंत आवश्यकता है। केंद्र प्रत्येक स्रोत से ऑक्सीजन प्राप्त कर रहा है। वेदांता अपने संयंत्र को शुरू करना चाहता है, लेकिन वेदांता को केवल स्वास्थ्य उद्देश्यों के लिए ऑक्सीजन उत्पाद करने के वास्ते इसे शुरू करने की अनुमति दीजिए।
वेदांता की ओर से साल्वे ने कहा, यदि आज आप हमें अनुमति दे देते हैं तो हम पांच से छह दिन में काम शुरू कर सकते हैं। कंपनी हर रोज कई टन ऑक्सीजन का उत्पादन कर सकती है और यह इसकी नि:शुल्क आपूर्ति को तैयार है। वर्ष 2018 में इस संयंत्र को पर्यावरणीय मानकों के उल्लंघन पर सुप्रीम कोर्ट ने बंद करवा दिया था।