दवाओं के साथ आपके फेफड़ों की मजबूती भी है जरूरी:-डॉ अजय (फिजियोथेरपिस्ट्)
फिजियोथेरेपी के द्वारा फेफड़ों को मजबूत किया जाता है ,WHO भी फ़िज़ियोथेरेपिस्ट और उनकी निपुणता को लेकर सराहना कर चुका है और उनसे इस महामारी के समय मे सहयोग की अपेक्षा रखता है।आज जब पूरा विश्व और भारत कोरोना से जूझ रहा है तब यह हमारा दायित्व और जिम्मेदारी है कि हम स्वस्थ रहें अपने परिवार और प्रियजनों को भी स्वस्थ रखें इससे हमारी सरकार और प्रशासन की भी मदद हो जाएगी और उन्हें आसानी होगी बेहतर इलाज मुहैया कराने में .फिजियोथैरेपी के माध्यम से बलगम और कफ को भी बाहर निकाला जाता है पहले तो यह हम यह जान लें कि कोरोनावायरस हमारे फेफड़ों को नुकसान पहुंचाता है और उसकी ऑक्सीजन सोखने की क्षमता को कम कर देता है जिससे हमें सांस लेने में दिक्कत होने लगती है और हमारा ऑक्सीजन का लेबल हमारे शरीर में कम हो जाता है इसी वजह से हमें थकान और अन्य परेशानियां होने लगती है हमें हमारे शरीर में ऑक्सीजन के लेवल को नियंत्रित व उच्च स्तर पर रखने को प्राथमिकता देनी है चाहे हम कोरोना से संक्रमित हो या नहीं हो या कोरोना संक्रमण के बाद हमारा शरीर पहले की तरह कार्य नहीं कर पा रहा है इसके लिए हमें हमारे फेफड़ों को मजबूत और सुदृढ़ बनाना होगा ताकि वह कोरोना से लड़ सके व हमारा ऑक्सीजन का लेवल बराबर रहे व हमें वेंटिलेटर की आवश्यकता ना पड़े ,इससे एक बड़ा बदलाव लाया जा सकता है डॉक्टरों की मदद हो जाएगी जिससे वह अति गंभीर रोगियों को आसानी से इलाज दे पाएंगे, तो हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हमें हमारे आसपास हमारे संपर्क में आने वाले व्यक्तियों को बताई जा रही कसरत से अवगत कराएं । फेफड़ों की मजबूती के लिए की जाने वाली कसरत से आप अगर कोविड-19 नहीं है या है या होकर नेगेटिव हो गए हैं सिर्फ आपको लाभ ही होगा फिर भी आप अपने डॉक्टर या फिजियोथैरेपिस्ट की सलाह से ही कसरत करें फेफड़ों की कसरत निम्न प्रकार हैं :::#
इन कसरत को करने के लिए हमें बिल्कुल नॉर्मल और रिलैक्स होकर रहना है प्रत्येक कसरत को करने के बाद थोड़े समय का अंतराल लेना आवश्यक होता है उसके बाद ही अगली कसरत करनी होती है.
1.नियंत्रित सांस लेना(Controlled breathing)-:
इस प्रकार की कसरत में हमें अपने द्वारा ली जा रही सांस को महसूस करना होता है उसे कुछ देर 5 या 6 सेकंड फेफड़ों में रोककर फिर धीरे से बाहर निकालना होता है ,छाती और पेट पर हाथ रखकर हम इसे महसूस कर सकते हैं प्रत्येक की जाने वाली कसरत में हमें ध्यान केंद्रित करना होता है ।।
2:-पर्स- लिप् सांस लेना
(Pursed lip breathing):-इस प्रकार की कसरत में गहरी सांस को नाक से लेकर उसे 5 सेकंड रोक कर रखने के बाद सीटी की आवाज के साथ छोड़ा जाता है।
3:-मूवमेंट के साथ सांस लेना( breathing with movement):- इस प्रकार की कसरत में गहरी सांस को लेने के साथ गर्दन या हाथों के मूवमेंट किए जाते हैं जैसे कि सांस लेते समय हाथों को ऊपर उठाना व कुछ सेकंड रुकने के बाद हाथों को सांस छोड़ते हुए नीचे लाना ।
4:-साँस रोकना और जोर से खासना(breath holding with coughing):- इस प्रकार की कसरत में गहरी सांस लेकर उसे कुछ सेकेंड रोककर तेजी से खासा जाता है इससे बलगम या कफ निकलने में आसानी होती है ।
5:-दीयफ्रामतिक साँस लेना(diaphragmatic breathing):-
इस प्रकार की की कसरत में गहरी सांस लेकर पेट के ऊपरी हिस्से को उठाया जाता है इसे करने के लिए आप सीधे लेट कर पेट पर अपने हाथ रख कर या तकिए की मदद से मूवमेंट को महसूस कर सकते हैं।
6:- छाती फुलाना(segmental breathing/thoracic expension):-इस प्रकार की कसरत में हमें गहरी सांस लेकर छाती के दोनों और अपने हाथों से दबाव बनाना होता है जिससे फेफड़ों की मांसपेशियां मजबूत बनती है इसको करने के लिए हमारे हाथों को छाती के दोनों और रखकर या टावेल का सहारा लेकर भी कर सकते हैं इस कसरत में छाती के निचले हिस्से मध्य हिस्से और ऊपरी हिस्से की मांसपेशियों को मजबूत बनाया जाता है ताकि हमें सांस लेने में परेशानी ना हो ।
7:- बलपूर्वक साँस छोड़ना(forced expiratory technique):- इस प्रकार की कसरत में किसी फुग्गे (ballon) को फुलाना ,किसी मोमबत्ती को जोर से बुझाना ,किसी पतली स्ट्रॉ को लेकर पानी में बुलबुले पैदा करना ,या स्पायरोमीटर एक प्रकार के यंत्र की सहायता से ,या अपने हाथों पर हवा का दबाव महसूस करके भी कर सकते हैं इन सभी कसरत ओं में हमारा संपूर्ण ध्यान सांस के ऊपर केंद्रित होना अत्यंत आवश्यक होता है यह कसरत हर वर्ग का व्यक्ति कर सकता है।::
:: कुछ ध्यान देने योग्य बातें इस प्रकार हैं:: 1. सिगरेट बीड़ी ना पिए और पीने वालों को छोड़ने की सलाह दें
2.रासायनिक दुर्गंध और धूल से बचना है 3.मास्क का उपयोग करें
4. समय-समय पर हाथों को सैनिटाइज करें या साबुन से कम से कम 30 सेकंड जरूर धोएं
5.अकारण बाजार जाने से बचे
6.सरकार व प्रशासन के द्वारा दिए जाने वाले निर्देशों का कड़ाई से पालन करें
7. वैक्सीन को जरूर लगवाएं
8.अवसाद व डिप्रेशन में ना आए बिल्कुल भी ना डरें
9. डॉक्टरों का सहयोग करें
10.प्राणायाम करना भी अत्यंत आवश्यक है
इन सभी चीजों को करके एक बहुत बड़ा बदलाव लाया जा सकता है हम हमारे डॉक्टरों और प्रशासन की मदद कर सकते हैं , हम चाहते है हमारा समाज स्वस्थ हो अगर हमारा समाज स्वस्थ रहेगा तो हमारा देश हमारा राज्य हमारा क्षेत्र सभी स्वस्थ रहेंगे इसी आशा के साथ आपके उत्तम स्वास्थ्य की कामना करता हु।
आभार:- डॉ अजय कुमार (फिजिओथेरपिस्ट)
संस्थापक सह राष्ट्रीय अध्यक्ष
विज़न हेल्थ एंड एडुकेशन फाउंडेशन
{ए पब्लिक वेलफेयर एंड चरिटेबल ट्रस्ट}