चूहों पर प्रभावी दिखी कोरोना वायरस की ओरल ड्रग, इंसानों पर चल रहा है अंतिम चरण का परीक्षण
नई दिल्ली, प्रेट्र। कोरोना वायरस के खिलाफ ओरल ड्रग चूहों पर प्रभावी पाई गई है। इंसानों पर इस दवा का अंतिम चरण का परीक्षण चल रहा है। इस दवा को इंफ्लुएंजा के इलाज के लिए विकसित किया गया था। शोधकर्ताओं ने यह जानकारी दी है। चूहों की एक प्रजाति (हैम्स्टर) पर किए गए अध्ययन में यह भी देखा गया है कि यह दवा कोरोना वायरस से फेफड़ों को होने वाले नुकसान को भी कम करती है।
अमेरिका के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (एनआइएच) और ब्रिटेन की प्लायमाउथ विश्वविद्यालय के विज्ञानियों ने पाया है कि एमके-4482 दवा कोरोना वायरस सार्स सीओवी-2 संक्रमण के 12 घंटे पहले या 12 घंटे बाद देने पर प्रभावी है। यह दवा मोलनुपीरवीर के नाम से आती है।
इस अध्ययन रिपोर्ट का प्रकाशन नेचर कम्युनिकेशन नामक पत्रिका में 16 अप्रैल को हुआ था। अध्ययन रिपोर्ट के मुताबिक एंटीवायरल दवा एमके-4482 कोरोना वायरस संक्रमण के खतरे को कम कर सकती है और पहले से ही संक्रमित मरीजों के इलाज में भी यह अकेले या अन्य दवाइयों के साथ प्रभावी हो सकती है। शोध करने वालों के मुताबिक कोरोना संक्रमण के खतरे को रोकने के लिए अभी कोई प्रभावी दवा नहीं है।
प्लायमाउथ विश्वविद्यालय में वायरोलॉजी एवं इम्यूनोलॉजी विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर और एनआइएच में गेस्ट रिसर्चर माइकल जर्विस ने कहा कि सार्स-सीओवी-2 के खिलाफ वैक्सीन के विपरीत हमारे पास इस वायरस के खिलाफ प्रभावी दवा नहीं है। एमके-4482 के नतीजे उत्साहजनक है और यह सार्स-सीओवी-2 के खिलाफ एक अतिरिक्त दवा हो सकती है।
जुबिलेंट फार्मा ने रेमडेसिविर की दवा का सफल परीक्षण किया
जुबिलेंट फार्मोवा ने सोमवार को कहा कि उसकी सहयोगी इकाई जुबिलेंट फार्मा ने कोरोना मरीजों के इलाज में इस्तेमाल की जा रही एंटीवायरल इंजेक्शन रेमडेसिविर की ओरल ड्रग का सफल परीक्षण पूरा कर लिया है।जुबिलेंट फार्मोवा ने बांबे स्टॉक एक्सजेंच (बीएसई) को जानकारी दी है कि भारत में यह परीक्षण जानवरों और स्वस्थ्य लोगों पर किया गया है। कंपनी ने इस दवा पर आगे के अध्ययन के लिए भारतीय दवा महानियंत्रक (डीसीजीआइ) से अनुमति मांगी है।